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न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के रूप में क्रिस हिपकिंस ने संभाली कमान

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के रूप में क्रिस हिपकिंस ने संभाली कमान

आखिरकार न्यूजीलैंड को नया प्रधानमंत्री मिल गया है। क्रिस हिपकिंस न्यूजीलैंड के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली हैं। आज गवर्नर जनरल सिंडी किरो ने राजधानी वेलिंगटन में आयोजित एक ऑफिशियल सेरेमनी में उन्हें शपथ दिलाई। क्रिस को लेबर कॉकस का औपचारिक रूप से समर्थन मिला। जिसके बाद अब वो प्रधानमंत्री होने के साथ लेबर पार्टी के लीडर भी बन गए हैं। शपथ लेने के बाद  उन्होंने कहा कि ये बहुत मेरे लिए बड़ी जिम्मेदारी है। मैं आगे आने वाले चैलेंजेस और जिम्मेदारियां उठाने के लिए तैयार हूं।

इससे पहले उन्हें साल 2020 में कोरोना महामारी से निपटने के लिए कोविड मिनिस्टर बनाया गया था। उस दौरान क्रिस के काम की दुनिया भर में सराहना हुई थी। कोरोना महामारी में उन्होंने बहुत ही अच्छा काम किया था। इस समय वह न्यूजीलैंड के पुलिस और एजुकेशन मिनिस्टर हैं। लेबर पार्टी के बीच उन्हें ट्रबल शूटर यानी मुसीबत खत्म करने वाला कहा जाता है। अक्टूबर में लेबर पार्टी को तीसरी बार देश की सत्ता में लाना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी।

जैसिंडा आर्डर्न 2017 में 37 साल की उम्र में न्यूजीलैंड की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री बनीं थीं। उनका जन्म 26 जुलाई, 1980 को न्यूजीलैंड के शहर हैमिल्टन में हुआ था। उनके पिता रॉस आर्डर्न पुलिस अफसर थे और मां लॉरेल कुक थीं। जेसिंडा को हमेशा से राजनीति में दिलचस्पी थी। इसलिए उन्होंने साल 2001 में मात्र 18 की उम्र में वह न्यूजीलैंड की लेबर पार्टी से जुड़ गई थीं। वह तत्कालीन प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क के लिए रिसर्चर के तौर पर काम करती थीं।

जैसिंडा अर्डर्न ने अपनी इस्तीफे की घोषणा में कहा था कि वो थक गई हैं। प्रधानमंत्री होने की जिम्मेदारी निभाने के लिए उनमें हिम्मत नहीं बची है। वहीं एक्सपर्ट का मानना है कि न्यूजीलैंड में लेबर पार्टी 2017 से सत्ता में है, ऐसे में एंटी इनकंबेंसी काफी ज्यादा है। एक रिपोर्ट के अनुसार न्यूजीलैंड महंगाई और सामाजिक समानता से जूझ रहा है। जिसके चलते वहां लेबर पार्टी की लोकप्रियता में काफी कमी आई है। इन सभी चुनौतियों के लिए अब क्रिस को तैयार रहना होगा। न्यूजीलैंड में इसी साल अक्टूबर में चुनाव होने हैं।