शांति और सुलह का संदेश देने सूडान दौरा करेंगे पोप फ्रांसिस

2013 में
कैथोलिक चर्च के प्रमुख चुने जाने के बाद से पोप फ्रांसिस ने विदेश में अपनी 40वीं
यात्रा और अफ्रीका में अपनी पांचवीं यात्रा करने की योजना बनाई है। वह कैथोलिक चर्च
के प्रमुख दो देशों में शांति बहाल करने में मदद करने के मिशन पर निकले हैं, जिन्होंने
वर्षों से हिंसा ही देखी है। पोप फ्रांसिस संघर्ष से प्रभावित दो देशों को शांति और
सुलह का संदेश देने के लिए इस सप्ताह कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और दक्षिण सूडान का
दौरा करेंगे।
बीते मंगलवार
से पोंटिफ ने कांगो की राजधानी किंशासा में अपनी यात्रा शुरू की, जहां वह दक्षिण सूडान
की राजधानी जुबा जाने से पहले शुक्रवार तक रुकेंगे। यात्रा के दूसरे चरण में एंग्लिकन
चर्च और चर्च ऑफ स्कॉटलैंड के नेता पोप के साथ शामिल होंगे। आपको बता दे की यह छह दिवसीय
यात्रा मूल रूप से जुलाई 2022 के लिए निर्धारित की गई थी, लेकिन फ्रांसिस के घुटने
में समस्या होने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। इसी घुटने की समस्या चलने के कारणवश
हाल ही में उन्हें व्हीलचेयर का उपयोग करने के लिए मजबूर किया है।
यह अफ्रीका
की उनकी पांचवीं यात्रा होगी। कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में वेटिकन के एक दूत ने बताया
की यह यात्रा दुनिया को याद दिलाएगी कि दशकों से चले आ रहे संघर्षों को नजरअंदाज न
करें। वर्षों से, मध्य अफ्रीकी देश अपनी विशाल खनिज संपदा के बावजूद अस्थिरता और गरीबी
से जूझ रहा है। गैर-सरकारी संगठन सीसीएफडी-टेरे सोलिडेयर के सैमुअल पोमेरेट ने बताया
की, कांगो सामाजिक अन्याय, अविकसितता और गरीबी के घोटाले का भी प्रतीक है। यह 100 से
अधिक सशस्त्र समूहों के लिए एक युद्ध का मैदान रहा है, जो वहां के क्षेत्र पर नियंत्रण
के लिए लड़ रहे हैं या डीआरसी के कुछ पड़ोसियों, जैसे अंगोला, बुरुंडी, मध्य अफ्रीकी
गणराज्य, रवांडा और युगांडा में हमले शुरू करने के लिए आधार के रूप में इसका उपयोग
कर रहे हैं।
पोप ने वर्षों
से मुख्य रूप से ईसाई दक्षिण सूडान का दौरा करने में रुचि व्यक्त की है, लेकिन देश
में उनके स्वास्थ्य और अस्थिरता के कारण इन योजनाओं को पूरा नई किया जा सका। लेकिन
अब पोंटिफ से कैंटरबरी के आर्कबिशप, जस्टिन वेल्बी और चर्च ऑफ स्कॉटलैंड के मॉडरेटर
इयान ग्रीनशील्ड्स के साथ शांति की अपील करने की उम्मीद है।