आखिर क्यों महतवपूर्ण है संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन ?

संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन, जिसका उद्देश्य सिर्फ वैश्विक जैव विविधता हानि की अस्थिर दर से निपटने का है। उससे निपटने के लिए योजना तैयार करना है।
वह सब कुछ जो आपके लिए है जानना जरूरी
2019 की एक
रिपोर्ट के मुताबिक, यह अनुमान लगाया गया है की, दुनिया की तीन-चौथाई भूमि की सतह और
इसके 66% महासागरों में काफी बदलाव आया है। जिसके कारणवश एक मिलियन प्रजातियां विलुप्त
होने का सामना कर रही हैं। लगभग 200 देशों के वैज्ञानिक, अधिकार समर्थक और प्रतिनिधि
इस सप्ताह कनाडा में एकत्रित हो रहे हैं। उनका उद्देश्य, दुनिया के सबसे गंभीर पर्यावरणीय
मुद्दों में से एक, जैव विविधता का नुकसान और इससे निकपटने के लिए क्या किया जा सकता
है। वर्षों से, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है की, कैसे जलवायु परिवर्तन और अन्य कारक,
जानवरों, पौधों और अन्य प्रजातियों में अभूतपूर्व गिरावट का कारण बन रहे हैं और विभिन्न
पारिस्थितिक तंत्रों को खतरे में डाल रहे हैं। लेकिन इतनी चेतावनी के बावजूद भी लोग
यह बात समझने में असमर्थ है।
संयुक्त राष्ट्र का जैव विविधता सम्मेलन, जिसे COP15 के रूप में भी जाना जाता है। वह अगले दशक और उसके बाद वैश्विक जैव विविधता के नुकसान से निपटने के लिए एक योजना तैयार करने के उद्देश्य से बुधवार को मॉन्ट्रियल में अपने सत्र शुरू करेगा।
आखिर क्या है जैव विविधता ?
जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन के कई रूपों को संदर्भित करता है। जानवरों, पौधों और माइक्रोबियल प्रजातियों से लेकर निवास स्थान और पूरे पारिस्थितिक तंत्र, जैसे वर्षावन और प्रवाल भित्तियों तक।
आखिर क्यों
महतवपूर्ण है जैव विविधता ?
संयुक्त राष्ट्र
ने बताया की, जैव विविधता वैश्विक स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा से लेकर अर्थव्यवस्था
और जलवायु संकट से निपटने के लिए व्यापक लड़ाई तक सब कुछ प्रभावित करती है।