होम > दुनिया

पाकिस्तान में फिदायीन हमले ने मचाया कोहराम

पाकिस्तान में फिदायीन हमले ने मचाया कोहराम

पेशावर: पाकिस्तान में आटा, पेट्रोल, दवाई और गैस की कमी के चलते हाहाकार मचा हुआ ही था कि पाकिस्तान के पेशावर शहर में पुलिस लाइन्स में बनी मस्जिद के अंदर धमाका कल भयानक धमाका हुआ था। कल पाकिस्तान के पेशावर की पुलिस लाइन्स में हुए फिदायीन हमले में मरने वालों का आंकड़ा 95 हो गया है। मस्जिद में नमाज के दौरान हुए धमाके में घायलों की संख्या 221 हो चुकी है। यह आंकड़ा मलबे से निकाले गए लोगों की वजह से बढ़ा है। इसी बीच में पेशावर खैबर पख्तूनख्वा में केयरटेकर चीफ मिनिस्टर मुहम्मद आजम खान ने हमले के बाद आज प्रांत में एक दिन के शोक का ऐलान किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की

याद रहे कि सोमवार को मौजूद एक चश्मदीद ने बताया कि नमाज के वक्त मस्जिद में 550 के करीब लोग मौजूद थे। फिदायीन हमलावर बीच की एक लाइन में मौजूद था। यह साफ नहीं हो सका कि वो पुलिस लाइन्स में पहुंचा कैसे, क्योंकि यहां अंदर जाने के लिए गेट पास दिखाना होता है। पुलिस ने बताया कि मस्जिद का एक बड़ा हिस्सा ढह चुका था और माना जा रहा था कि इसके मलबे में कई लोग दबे हए हैं। मस्जिद के इमाम नूर-अल अमीन की भी धमाके में मौत हो गई थी।

इस बीच भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। बागची ने मंगलवार को ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा- भारत पेशावर में हुए फिदायीन हमले की कड़ी निंदा करता है।

पाकिस्तानी मीडिया जियो न्यूज के अनुसार TTP ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हमले के बाद पाकिस्तान आर्मी ने इलाके को घेर लिया है। इसके करीब ही आर्मी की एक यूनिट का ऑफिस भी है। पुलिस लाइन्स में मौजूद लोगों का कहना है कि ब्लास्ट काफी ताकतवर था और इसकी आवाज 2 किलोमीटर दूर तक सुनी गई। इस इलाके में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का दबदबा है और पिछले दिनों इसी संगठन ने यहां हमले की धमकी भी दी थी। घटना के बाद कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। इनमें घायलों को अस्पताल ले जाते देखा जा सकता है।

जानकारी के लिए आपको बता दे कि पेशावर में पिछले साल मार्च में एक शिया मस्जिद में धमाका हुआ था। तब हमले में 62 लोग मारे गए थे। ये सभी शिया समुदाय के लोग थे। धमाके के वक्त मस्जिद में जुमे की नमाज चल रही थी। इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी।