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जानिए क्यों मनाया जाता है Women's Day, बड़ी दिलचस्प है Story, ऐसे मिला Voting का अधिकार

जानिए क्यों मनाया जाता है Women's Day, बड़ी दिलचस्प है Story, ऐसे मिला Voting का अधिकार

नई दिल्ली | मुस्कुरा के दर्द भूला के रिश्तों में बंद थी दुनिया सारी, हर पग को रोशन करने वाली वो शक्ति है एक नारी, जी हां आप इस पंक्ति से समझ ही गए होंगे कि हम नारी शक्ति की बात कर रहे हैं। जिसके लिए महिलाओं के  सम्मान में हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस ( International Women's Day ) विश्व के अलग-अलग क्षेत्रों में एक स्पेशल उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।


न्यूयॉर्क में पहला महिला दिवस


महिला दिवस, संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित राजनीतिक और मानव अधिकार विषयवस्तु के साथ महिलाओं के राजनीतिक और सामाजिक उत्थान के लिए मनाया जाता हैं। कुछ लोग बैंगनी रंग के रिबन ( Purple Ribbon ) पहनकर इस दिन का जश्न मनाते हैं।




सबसे पहला महिला दिवस, न्यूयॉर्क ( New York ) शहर में 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था। 1917 में सोवियत संघ ने इस दिन को एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया, और यह आसपास के अन्य देशों में फैल गया। इसे अब कई पूर्वी देशों में भी मनाया जाता है।




महिलाओं को Vote देने का अधिकार 


अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर, यह दिवस सबसे पहले 28 फ़रवरी 1909 को मनाया गया। इसके बाद यह फरवरी के आखिरी इतवार के दिन मनाया जाने लगा। 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया। उस समय इसका प्रमुख ध्येय महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलवाना था, क्योंकि उस समय अधिकतर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।




रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल


1917 में रूस ( Russia ) की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऐतिहासिक थी। जार ने सत्ता छोड़ी, अंतरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया। उस समय रूस में जुलियन कैलेंडर चलता था और बाकी दुनिया में ग्रेगेरियन कैलेंडर। इन दोनों की तारीखों में कुछ अन्तर है। जुलियन कैलेंडर के मुताबिक 1917 की फरवरी का आखिरी इतवार 23 फ़रवरी को था जब की ग्रेगेरियन कैलैंडर ( Gregorian Calendar ) के अनुसार उस दिन 8 मार्च थी। इस समय पूरी दुनिया में, यहां तक रूस में भी ग्रेगेरियन कैलैंडर चलता है। इसी लिये 8 मार्च महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।