जारी जंग के बीच यूक्रेन में हुआ घोटाला, जानें पूरा मामला

रूस और यूक्रेन के बीच जंग रुकने
का नाम नही ले रहा है दोनों देशों के बीच ये जंग 24 फरवरी 2022 को शुरू
हुई थी जोकि अभी भी जारी है। इस जंग के वजह से दुनिया चिंतित
है। इसी बीच में यूक्रेन से बड़ी खबर आ रही है। वहां पर घोटाले ने आहट दी है। बता
दे कि एक हफ्ते से राष्ट्रपति जेलेंस्की भ्रष्टाचार करने वालों से इस्तीफों पर
साइन करवा रहे हैं। मंगलवार को यूक्रेन के डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर याचेस्लाव
शापोवालोव को भ्रष्टाचार से जुड़े एक स्कैंडल में फंसने के बाद इस्तीफा देना पड़ा
है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलदिमिर
जेलेंस्की ने अगले आदेश तक बड़े अधिकारियों के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है।
जानकारी के लिए आपको बता दे कि यूक्रेन
के एक अखबार में 21
जनवरी को
छपी रिपोर्ट्स के अनुसार डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर पर आरोप लगे थे कि उनके निर्देश
पर मंत्रालय ने खाने के सामान का कॉन्ट्रेक्ट तीन गुना ज्यादा महंगे दाम पर साइन
किया था। पत्रकारों के हाथ लगी एक रिपोर्ट
में बताया गया है कि मिनिस्ट्री ने खाने के सामान का कॉन्ट्रैक्ट 2 हजार करोड़ रुपए में साइन किया
गया था। हालांकि इन सभी आरोपों को डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर ने बेबुनियाद बताया है।
रक्षा मंत्रालय ने सैनिकों के लिए जो खाने का सामान खरीदा उसमें धांधली की गई थी। एक अंडा जो कीव की दुकानों में 15 रुपए में मिलता है उसे 37 रुपए के भाव से खरीदा गया था। वहीं बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर याचेस्लाव शापोवालोव अपनी महंगी और लग्जरी कारों से जुड़े स्कैंडल में भी घिरे हुए थे।
अभी कुछ दिन पहले ही जर्मनी में
US
रैमस्टीन
एयरबेस पर 50 देशों ने मुलाकात की थी। इस मुलाकात का मकसद
यूक्रेन को रूस से लड़ने में मदद के लिए खतरनाक टैंक देना था। दो दिनों तक यह बैठक
बेनतीजा रही। जर्मनी अपने टैंक्स यूक्रेन को
देने में हिचक रहा है। इसके बाद जर्मनी ने पोलैंड के जरिए यूक्रेन को अपना लेपर्ड 2 टैंक देने की मंजूरी दे दी है।
जर्मनी में बना लेपर्ड 2
टैंक
दुनिया के खतरनाक टैंकों में से एक माना जाता है। अफगानिस्तान और सीरिया जंग में
भी इसका इस्तेमाल किया जा चुका है।
आपको बताते चले कि डिप्टी
डिफेंस मिनिस्टर से पहले यूक्रेन के डिप्टी इंफ्रास्ट्रक्चर मिनिस्टर से भी
इस्तीफा लिया गया था। रूस लगातार यूक्रेन के इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमला कर रहा है।
जिसमें वहां की कई महत्वपूर्ण इमारतें धाराशाही हो चुकी हैं। ऐसे में यूक्रेन उन
इमारतों को दोबारा रिस्टोर करने में काफी रुपए खर्च कर रहा है। वैसिल लोजिंसकी पर
आरोप लगे की उन्होंने मशीनरी खरीदने के कॉन्ट्रैक्ट में 3 करोड़ 23 लाख
रुपए की रिश्वत ली थी।