ईरान सरकार ने विरोध पर्दशन करने वालों पर दया दिखाई

ईरान में 16 सितंबर को 22 साल की युवती महसा अमीनी की मौत के बाद प्रदर्शन शुरू हुए
थे। याद रहे कि वहां की पुलिस ने महसा को हिजाब नहीं पहनने के लिए गिरफ्तार किया
था। कस्टडी में उसकी जान चली गई थी। इसी बीच एक बड़ी खबर आ रही
है कि ईरान सरकार
ने हिजाब और सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले 22 हजार आरोपियों की रिहाई का फैसला
किया है। ज्यूडिशियरी चीफ के दफ्तर की तरफ से बयान में कहा गया है कि उन लोगों को
रिहा करने का फैसला किया गया है, जिन्हें पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया था। अब तक ये साफ नहीं है कि इन लोगों
को कब रिहा किया जाएगा। इसकी वजह यह है कि सरकारी बयान में माफी शब्द का इस्तेमाल
किया गया,
जबकि
सरकारी न्यूज एजेंसी ने माफी और रिहाई की बात कही है।
इसी बीच सरकार के इस फैसले को
विरोधियों ने झूठ फैलाने की साजिश करार दिया। एमनेस्टी इंटरनेशनल का ईरान चैप्टर
देखने वालीं गिसाउ निया ने कहा- कट्टरपंथी सरकार झूठ फैलाकर दुनिया की आंखों में
धूल झोंकने की साजिश रच रही है।
जैसा कि आप सब को ज्ञात होगा कि 16 सितंबर 2022 को पुलिस कस्टडी में 22 साल की महसा की मौत हो गई थी। उसने हिजाब नहीं पहना था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। ईरान में लड़कियों पर पाबंंदियां हैं और हिजाब पहनने को लेकर सख्त कानून हैं। पुलिस ने बाद में कहा था- पुलिस ने महसा के साथ कोई मारपीट नहीं की। 13 सितंबर को कई लड़कियों को गिरफ्तार किया गया था। उनमें से एक अमिनी थी। उसे जैसे ही पुलिस स्टेशन ले जाया गया वो बेहोश हो गई। बाद में उसकी मौत हो गई। बहरहाल, इस घटना को 6 महीने गुजर चुके हैं, लेकिन ईरान में अब भी सरकार और हिजाब के विरोध में प्रदर्शन जारी हैं।