ना ही चाकू का जिक्र, ना ही लोहे की सरिया, फिर कैसे हुई लड़की की खून बहने से मौत – भाग एक

पुलिस ने रिपोर्ट आने का इंतिजार किया, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आ चुकी थी और फोरंसिक की भी , घर में नौकर के आलावा किसी के भी निशान मैच नहीं हुए , पोस्टमार्टम में गहरा घाव था मगर चाकू या तेज धार आदि का जिक्र नहीं था, और ना हीं लोहे की सरिया आदि का था , खून बहने की वजह से मौत हुए थी , कोई जहर आदि का जिक्र नहीं था, बलात्कार की पुष्टि भी नहीं हुई थी मगर लड़की सेक्सुअल थी क्योकि आशिक था।
सुबह के करीब चार बजे पुलिस स्टेशन की अचानक घंटी बजी , कॉलोनी में बदबू आ रही है , पुलिस का साइरन बजा और पुलिस माई- थान कॉलोनी पहुंच गई।
पुलिस घर मैं गई ,कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था , कोई खिड़की नहीं ,सिर्फ एक ही दरवाजा नज़र आ रहा था। जो अंदर से बंद था, ताले वाले को बुलाया गया , २ घंटे की कड़ी मेहनत के बाद कमरा खुला और देखा तो एक बीस साल की युवती की लाश थी। सूंदर सुडोल मनमोहक। ऐसा अलग रहा था सो रही हो , उसका दुप्पटा बगल में ही था जैसे लड़किया सोते वक़्त रखती है पुलिस ने लाश को देखा सीने और पेट के बीच में एक छेद था जो एक घाव की तरह था , शरीर गर्दन आदि पर चोट के कोई निशान नहीं थे। खून फर्श और बिस्तर में था जो सूख गया था, घाव न ही चाकू का था ना हीं किसी धार दार हथियार का था जिससे पुलिस ने माना की मरने की यही वजह होगी , पुलिस ने फॉरेंसिक टीम बुला ली थी, लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज दी गई।
पुलिस अब पुरे घर का मुआइना कर रही थी , लड़की के कपडे भी नहीं फटे थे , न ही पैसा आदि चोरी हुआ था , फिर आखिर मौत कैसे हुई। लड़की की बड़ी बहन अपने पति के साथ आ चुकी थी जो घूमने गई थी, लड़की का भाई , माता पिता वंही थे। नौकर के रूप में लड़की का आशिक भी था। सभी शक के दायरे में थे, क्योकि जीजा की बुरी नज़र लड़की पर थी, भाई की घर में चलती नहीं थी इसलिए वह नाराज था, अक्सर झगड़ा होता था, नौकर भी था पुलिस ने सभी को घर न छोड़ने के लिए कहा। जब तक जाँच पूरी न हो जाए ।
लड़की के कमरे में कोई नहीं जाता था शिवाय नौकर के , लड़की के कमरे का दरवाजा अंदर से ही बंद होता था, और चाभी अंदर से लॉक में लगी रहती थी। घर में न कोई खिड़की थी, ना हीं कोई ऐसा नुकीला कुछ था, ना ही ऐसा था की हत्या या आत्म हत्या लगे । न ही किसी फुटेज में ऐसा कुछ लगा, न ही किस ने परिवारवालो के अलावा किसी को भी घर के अंदर आते जाते देखा , पुलिस भी परेशान थी की आत्म हत्या कहा जाये या हत्या। सवाल उलझ गया था, लेकिन जिस तरीके से लाश पड़ी थी , हत्या जैसा ही लग रही थी, पुलिस ने रिपोर्ट आने का इंतज़ार्र किया, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आ चुकी थी, और फोरंसिक की भी , घर में नौकरा के अलावा किसी के निशान मैच नहीं हुए, पोस्टमार्टम में गहरा घाव था मगर चाकू या तेज धार आदि का जिक्र नहीं था, और ना ही लोहे की सरिया आदि का था , खून बहने की वजह से मौत हुए थी , कोई जहर आदि का जिक्र नहीं था, बलात्कार की पुष्टि भी नहीं हुई थी मगर पुलिस ने शक के दायरे में लड़की के आशिक को उठा लिया………………….. आगे की कहानी भाग – 2 में
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