ना ही चाकू का जिक्र, ना ही लोहे की सरिया, फिर कैसे हुई लड़की की खून बहने से मौत – भाग दो

ना ही चाकू का जिक्र, ना ही लोहे की सरिया… – भाग एक
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जाँच से कुछ पता नहीं चल रहा था, पुलिस ने अपनी तफ्सीस शुरू की, इसी बीच डॉग स्क्वाड मंगाया गया जो , लेकिन कुछ भी साबित नहीं हुआ। कातिल के जुते के मिलान करने पर निशान जीजा दीपक नौटियाल से मिले , नौकर जिसका नाम पियूष उर्फ़ दिलीप था, वो लड़की के साथ ही रहता था इसलिए वह तो बच गया मगर भाई पर शक लाज़मी था भाई से कड़ी पूछताक्ष कि गई तो पता चला की वह उसके पैसे पे नज़र रखे हुए था पुलिस को जीजा और भाई का मोटिव मिल गया था , पुलिस ने उन्हें हिराशत में ले लिया तब भी पुलिस को कोई कमी महसूस हो रही थी, माँ बाप का हाल बुरा था, बहन जिसका नाम मोनिका है , वो रो जरूर रही थी मगर वो रोना प्राकतिक नहीं लग रहा था। लेकिन वह खून क्यों करेगी ।
अब पुलिस ने पुराने इतिहास खंगालने की कोशिश की तो पता चला , बहन का पति काजल जो मृतिका है, उसका पूर्व प्रेमी था। उसकी मां आशारानी के दबाब में उसकी बहन से शादी करा दी थी, और बहन का जो प्रेमी था जिसका नाम शत्रुघ्न था काजल ने ही मोनिका और शतुघ्न का ब्रेकअप कराया था।
गुत्थी उलझी थी क्योकि दरवाजा अंदर से बंद था और कोई खिड़की भी नहीं थी न ही गोली का निशान था। पुलिस ने मोनिका से कड़ाई से पूछा तो उसने अपने पूर्व प्रेमी का सभी विवरण दे दिया गया। पूर्व प्रेमी शतुघ्न को बुलाया गया लेकिन वह कोलकाता में था। पुलिस उस पर भी शक नहीं कर पा रही थी मगर खून तो हुआ था। पुलिस ने और खोज बीन की तब पता चला की काजल के भाई जीजा दीपक नौटियाल ने शत्रुघ्न के दोस्त की बहन का रैप किया था। सबूतों के आभाव में पियूष और दीपक बच गए थे।
शतुघ्न उस लड़की को अपनी बहन मानता था उस रैप की मुख्य किरदार काजल ही थी और शतुघ्न उनसे बदला लेना चाहता था। पुलिस यही रुक गई मगर शतुघ्न के पास सारे साक्ष्य थे जो उसको निर्दोष साबित कर रहे थे। पुलिस ने उसको भी छोड़ दिया मगर शतुघ्न ईमानदार था। मोनिका शत्रुघ्न की नस नस से वाकिफ थी क्योकि वह उसका असली प्रेमी था उसके साथ वह आज भी रहना चाहती थी लेकिन उसे फ़साना नहीं चाहती थी , मगर खून तो हुआ था , कौन है कातिल पुलिस ये सोच में थी। कातिल इन्ही में से एक था मगर इतना शार्प ये पुलिस ने भी नहीं सोचा था। ………………. आगे की कहानी भाग – 3 में