दिल्ली

अब LG ही दिल्ली के असली बॉस, केंद्र ने दिल्ली सरकार के अधिकारों पर जारी किया अध्यादेश

केंद्र सरकार की तरफ से एक अध्यादेश जारी किया गया है जिसमे केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में अधिकारियों के पोस्टिंग तथा ट्रांसफर का आखिरी फैसला उपराज्यपाल को दिया गया है यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद आया है जिसमे सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने पब्लिक ऑर्डर, पुलिस तथा लैंड को छोड़कर बाकी अन्य मामलों पर चुनी हुई सरकार का नियंत्रण होगा।

क्या कहा गया अध्यादेश में
भारत सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अध्यादेश 2023 जारी किया है जिसके जरिये राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (NCCSA) का गठन किया है, राजधानी में अब नियुक्ति तथा स्थानांतरण के फैसले यही प्राधिकरण लेगा इस अथॉरिटी में तीन सदस्य दिल्ली के CM, मुख्य सचिव, प्रमुख गृह सचिव होंगे लेकिन अथॉरिटी का फैसला पूर्ण बहुमत से होगा विवाद की स्थिति में उपराज्यपाल का फैसला ही अंतिम होगा।

अध्यादेश आने के बाद बीजेपी ने जताई खुशी
सरकार द्वारा अध्यादेश जारी किये जाने के बाद भाजपा के नेताओं ने खुशी जताई है, बीजेपी की तरफ से कहा गया कि आम आदमी पार्टी की सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है इससे बचने के लिए इसकी जाँच में जुटे अधिकारियों को हटाना चाहती है, अध्यादेश आने के बाद अब दिल्ली सरकार मनमानी नहीं कर पायेगी।

क्या कहा गया ‘आप’ की तरफ से
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि केंद्र सरकार मुख्यमंत्री के पास अधिकार आने से डर गई है इसलिए यह अध्यादेश लेकर आई है वहीं सांसद संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने साबित कर दिया है कि वे एक तानाशाह हैं तथा वे लोकतंत्र, सुप्रीम कोर्ट तथा संविधान को नहीं मानते।

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