NTPC त्रिपुरा में 130 MW के फ्लोटिंग सोलर प्लांट की व्यवहार्यता का अध्ययन करेगा

देश की नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) त्रिपुरा के गोमती जिले में स्थित दुंबुर झील पर 130 मेगावॉट की फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के लिए एक फीजिबिलिटी अध्ययन करेगी। इस अध्ययन की लागत लगभग 450 करोड़ रुपये होगी और इसे कुछ महीनों में पूरा कर दिया जाएगा।
प्रस्तावित प्लांट त्रिपुरा की पहली फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट होगी और यह राज्य की 2030 तक 200 मेगावॉट सोलर ऊर्जा उत्पादन की लक्ष्यों की ओर एक महत्वपूर्ण कदम होगा। त्रिपुरा की औसत सोलर पावर क्षमता 2080 मेगावॉट है।
वर्तमान में एनटीपीसी तेलंगाना के रामगुंडम में 100 मेगावॉट की फ्लोटिंग सोलर पावर प्रोजेक्ट चला रही है। फ्लोटिंग सोलर प्लांट पारंपरिक सोलर प्लांटों की तुलना में कई लाभ देती हैं। इन्हें जमीन की जरूरत नहीं होती है, जो कुछ क्षेत्रों में कम हो सकती है, और ये जल स्रोतों से वाष्पीकरण को कम करने में मदद कर सकती हैं।
रस्तावित प्लांट राज्य के नवीनीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेगी और त्रिपुरा की भूतल संयंत्रों पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगी।
इससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा और सौर क्षेत्र में नौकरियों का सृजन होगा। यह फीजिबिलिटी अध्ययन एनटीपीसी और त्रिपुरा नवीनीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (ट्रेडा) की विशेषज्ञ टीम द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।
इस अध्ययन में परियोजना की तकनीकी और वित्तीय संभावनाओं का मूल्यांकन किया जाएगा, साथ ही पर्यावरणीय प्रभाव का भी मूल्यांकन होगा। यदि फीजिबिलिटी अध्ययन सफल होता है, तो एनटीपीसी प्लांट का निर्माण करने में आगे बढ़ेगा। प्लांट की अनुमानित पूर्णता वर्ष 2024 में होगी।
प्रस्तावित फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट त्रिपुरा के लिए एक स्वागत योग्य विकास है। यह राज्य को अपने नवीनीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद करेगा और विद्युत ऊर्जा पर अपनी आश्रितता को कम करेगा। इस प्लांट से हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा और सौर ऊर्जा क्षेत्र में नौकरियों का सृजन होगा।