राजस्थान में पुरानी पेंशन बहाल, MP के कर्मचारियों में जगीं उम्मीदें

भोपाल | राजस्थान की गहलोत सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए पुरानी पेंशा ( Old Pension Restoration) की बहाली के फैसले ने मध्य प्रदेश के भी कर्मचारियों को भी उम्मीद की राह नजर आने लगी है। यही कारण है कि कर्मचारी संगठन के साथ विपक्षी दल कांग्रेस ने भी राजस्थान की तरह अन्य राज्यों में भी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर डाली है।
ज्ञात हो कि राज्य में वर्ष 2004 के बाद की नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को पेंशन की पात्रता नहीं है। इसके चलते इन कर्मचारियों के सामने बुढ़ापे का समय चुनौती रहने वाला है, क्योंकि उनके पास जीवन यापन के लिए आवष्यक धनराशि का जुगाड़ आसान नहीं होगा। राजस्थान की गहलोत सरकार ( Gehlot Government ) द्वारा नई पेंशन नीति को कर्मचारी विरोधी बताते हुए पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा पर मध्य प्रदेश राज्य शिक्षक संघ मध्यप्रदेश के प्रांताध्यक्ष जगदीश यादव ने सरकार से मांग की है कि वे भी कर्मचारी विरोधी नई पेंशन नीति के स्थान पर पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय ले।
शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष जगदीश यादव ने राजस्थान सरकार के फैसले को अन्य राज्यों और केंद्र सरकार के लिए अनुकरणीय बताते हुए कहा कि विगत कई वर्षों से प्रदेश के कर्मचारी एनपीएस की कमियों से सरकार को अवगत करा रहे है, अनेक मौकों पर धरना प्रदर्शन भी किया है। प्रदेश की सत्तारूढ़ सरकार डबल इंजन की सरकार है उसे भी पुराने गलत निर्णय को वापस लेना चाहिए।
वहीं कांग्रेस के प्रदेष प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने एक बयान जारी कर कहा, जिस प्रकार से राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा अधिकारी कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन बहाल की गई है, उसी प्रकार मध्य प्रदेश सरकार को भी तत्काल 2004 एवं उसके बाद भर्ती हुए अधिकारी कर्मचारियों को पुरानी पारिवारिक पेंशन की सुविधा देना चाहिए, मध्यप्रदेश में BJP सरकार में वैसे भी अधिकारी कर्मचारी बहुत परेशान रहे हैं ऐसे में उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाना चाहिए।