एक दिन स्कूल में भंयकर आग लग गयी

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एक दिन स्कूल में भंयकर आग लग गयी
आग लगने से सब बच्चे खुश थे कि अब कुछ दिनों
तक हम लोगो को स्कूल नहीं जाना पड़ेगा,
पर अंकित उदास बैठा था,
मास्टर जी ने :– पप्पू बेटा तुम इतने दुःखी क्यो हो?
अंकित :– सर जी, आप इस आग से जिंदा कैसे बच गए।
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चिंटू ने एक दिन क्लास में पोट्टी कर दी। तो इसी कारण टीचर ने
उसको 70 रुपये की जुर्माने वाली पर्ची थमा दी।
चिंटू ने मैडम से पूछा ये क्या है।
टीचर :- 40 रुपये पोट्टी करने के और 30
रूपये सुसु करने के।
फिर चिंटू ने जेब में हाथ डाला और
मैडम को 80 रुपये दिए।
टीचर :- चिंटू ये 10 रुपये ज्यादा क्यों दिए?
चिंटू :- मैडम की में एक शिक्षा के मंदिर में बैठा हूं,
झूठ बिलकुल भी नहीं बोलूंगा,
मैडम जी मेरे एक पाद भी मारा था
तो 10 रुपये उसका है।
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अध्यापक :- चिंटू मुझे घर की परिभाषा सुनाओ ।
चिंटू:- सर जी, जो घर हमेशा हौसले से बनाये जाते हैं उसे हम सब “हाऊस” कहते हैं…
और फिर जिन घरों में हम लोग होम-हवन करते हैं
उन्हें हम सब “होम” कहते हैं…
और जिन-जिन घरों में अधिक हवा चलती है
उन्हें हम बस “हवेली”कहते हैं…
फिर जिन घरों के दीवारों में भी कान होते है
उन्हें हम सब लोग “मकान” कहते हैं…
और जिन घरों के लिए आदमी लोन लेता है और फिर इंस्टॉलमेंट भरते-भरते आदमी एक दिन लेट जाता है
उन्हें हम सब “फ्लैट” कहते हैं…
और जिन घरों में कभी यह भी पता न चल पाये,
कि बगल वाले घर में क्या चल रहा है
उन्हें हम सब “बंगला” कहते हैं
चिंटू को student of the year चुना गया
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