Perseverance रोवर ने मंगल पर ढूंढा जीवन का अंश
नासा का पर्सिवरेंस रोवर मंगल ग्रह पर लगभग तीन वर्ष पूर्व गया था। तबसे इसने मंगल की एकदम नई ही तस्वीर साझा की है। इतना ही नहीं इसके साथ अपना एक छोटा हेलीकाप्टर भी ले गया है जिसका नाम Ingenuity है। ये मंगल ग्रह पर उड़ान भरने वाला पहला मानव का पहला यान बना। इसकी बहुत सी उड़ानों की तस्वीर और वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब शेयर किये गए थे।
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अब इसी रोवर ने मंगल पर वो खोज कर दी है जिसे इंतज़ार मानवता कब से ही कर रही है। इसने ऐसे अणुओ का पता लगाया है जो की मनगल पर जीवन को लगभग-लगभग मौजूद होने के दावे को बहुत ही मजबूत कर देते हैं।
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पृथ्वी पर मंगल ग्रह के उल्कापिंडों के साथ-साथ मंगल ग्रह की सतह पर गेल क्रेटर में कई अलग-अलग प्रकार के कार्बनिक अणु पहले ही पाए जा चुके हैं। हालांकि, शोधकर्ता इस बात से इनकार करने में असमर्थ हैं कि सामग्री की “जैविक” उत्पत्ति है या ग्रह पर जीवन का परिणाम है। उन्होंने मंगल ग्रह पर कार्बनिक पदार्थों की उत्पत्ति के लिए कई अलग-अलग स्पष्टीकरण भी सुझाए।
मंगल की सतह पर संरक्षित कार्बनिक पदार्थों की उपस्थिति और वितरण मंगल ग्रह के कार्बन चक्र और अपने पूरे इतिहास में जीवन की मेजबानी करने के लिए ग्रह की क्षमता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है।
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शोधकर्ताओं ने ऐसे साक्ष्य एकत्र किए जो कई चट्टानों के नमूनों में कार्बनिक अणुओं की उपस्थिति का संकेत देते हैं, जिनमें से कुछ को भविष्य के विश्लेषण के लिए पृथ्वी पर लाने की भी संभावना है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस तरह के कार्बनिक अणुओं के साक्ष्य की खोज मंगल ग्रह पर अतीत या वर्तमान में जीवन के अस्तित्व के बारे में साबित नहीं करती है, और कहा कि गैर-जैविक प्रक्रियाएं अधिक संभावित स्पष्टीकरण के रूप में दिखाई देती हैं।
मंगल हमेशा से आज की तरह रहने के अयोग्य नहीं था, क्योंकि वर्षों पहले इसका तरल पानी कभी इसकी सतह पर मौजूद था। वैज्ञानिकों ने जेजेरो क्रेटर में माइक्रोबियल जीवन के अस्तित्व का संकेत दिया है। उनका दावा है कि नदी के चैनल क्रेटर की दीवार पर फैल गए और 3.5 अरब साल पहले इसी से एक झील बनाई गई थी और इस झील में हो सकता है की जीवन किसी रूप में मौजूद रहा हो।