पर्यावरण को बचाने के लिए प्रदेश की सभी 58,000 ग्राम पंचायतों एवं सभी 762 नगरीय निकायों द्वारा प्रतिज्ञा दिलायी जायेगी
विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून के अवसर पर योगी बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र, गोरखपुर में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा ‘‘रेस फॉर लाइफ: सर्कुलर इकॉनामी एवं लोकल क्लाइमेट एक्शन’’ कार्यशाला आयोजित की गई है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। साथ ही नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, जन्तु उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ अरूण कुमार सक्सेना, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, जन्तु उद्यान राज्यमंत्री के0पी0 मलिक एवं अन्य जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहेंगे। इसमें मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सहभागिता की जायेगी। इस अवसर पर अनेक पर्यावरणविद्, पर्यावरण वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञों की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा।
इस कार्यशाला में प्रदेश के सभी 58,000 ग्राम पंचायतें एवं सभी 762 नगर निकायों द्वारा ऑनलाइन लाइफ प्रतिज्ञा भी ग्रहण की जायेगी।
“मैं प्रतिज्ञा करता/करती हूँ कि मैं पर्यावरण को बचाने के लिए अपने दैनिक जीवन में हर संभव बदलाव लाऊँगा/लाऊँगी। मैं यह भी वचन देता/देती हूँ कि मैं अपने परिवार, मित्रों और अन्य लोगों को पर्यावरण के अनुकूल आदतों और व्यवहारों के महत्व के विषय में सतत् रूप से प्रेरित करूँगा/करूँगी।”
भारत के स्वतन्त्रता प्राप्ति के 75वें वर्ष में मिशन लाइफ अभियान के अन्तर्गत 07 श्रेणियों में 75 गतिविधियॉं चिन्हित की गई हैं। इन गतिविधियों में ऊर्जा बचत, जल संचय, एकल उपयोग प्लास्टिक के प्रयोग में कमी, सतत् खाद्य प्रणाली को अपनाना, अपशिष्ट में कमी (स्वच्छता अभियान), स्वस्थ जीवनशैली अंगीकृत करना एवं ई-अपशिष्ट की मात्रा कम करना शामिल है।
मिशन लाइफ कार्यक्रम में 03 जून तक 23 विभागों द्वारा पंजीकरण कराया गया। प्रदेश में 12,661 जागरूकता अभियान तथा 22,341 एक्शन इवेंट सम्पन्न हुए हैं। अब तक 3,97,044 व्यक्तियों द्वारा मिशन लाइफ प्रतिज्ञा ग्रहण की गई है तथा मिशन लाइफ में 4,10,677 लोगों द्वारा सहभागिता की गई है।
ब्व्च्.26 बैठक ने भी उत्तरदायित्वपूर्ण उपभोग एवं सतत् संसाधन प्रबंधन सुनिश्चित करने के माध्यम से भारत के लिये कार्बन उत्सर्जन को कम कर सकने में चक्रीय अर्थव्यवस्था की प्रासंगिकता को प्रमुखता से सामने रखा है।
चक्रीय अर्थव्यवस्था ऐसी अर्थव्यवस्था है, जहाँ उत्पादों को स्थायित्व, पुनःउपयोग और पुनर्चक्रण के लिये अभिकल्पित किया जाता है और इस प्रकार लगभग हर चीज का पुनःउपयोग, पुनर्निर्माण एवं कच्चे माल के रूप में पुनर्चक्रण किया जाता है अथवा ऊर्जा स्रोत के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। इसमें 6-आर की अवधारणा शामिल है, जिसमें Reduce (सामग्री के उपयोग को कम करना), Reuse (पुनः उपयोग), Recycle (पुनर्चक्रण), Refurbishment (पुनर्निर्माण), Recover (पुनरुद्धार) और Repairing (मरम्मत) हैं।
जल संरक्षण की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा 24 अप्रैल, 2022 को अमृत सरोवर योजना का शुभारम्भ किया गया। प्रदेश सरकार द्वारा भी इस योजना में सफलता प्राप्त की गई है।
मुख्य अतिथि द्वारा निम्न पुस्तिकाओं/फोल्डर/वीडियो स्मारिका/एनिमेशन फिल्म का लोकार्पण किया जायेगाः-
- उत्तर प्रदेश में विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ई0पी0आर0) के माध्यम से प्लास्टिक प्रबंधन हेतु परामर्शिका।
- प्रयागराज में लिगेसी वेस्ट के बायो रेमिडिएशन से उत्पादित आर0डी0एफ0 के विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ई0पी0आर0) के माध्यम से सीमेंट प्लांट में को-प्रोसेसिंग हेतु स्थापित अभिनव व्यवस्था सम्बन्धी फोल्डर।
- प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग की रोकथाम हेतु 29 जून, 2022 से 03 जुलाई, 2022 तक चलाए गए वृहद् जागरूकता ‘‘रेस अभियान’’ से सम्बन्धित वीडियो स्मारिका।
- जलवायु परिवर्तन एवं आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु कार्य योजना को ग्राम पंचायत विकास योजना से एकीकृत किये जाने हेतु जागरूकता एनिमेशन फिल्म।
- लखनऊ शहर में प्लास्टिक अपशिष्ट के एकत्रीकरण एवं पुनर्चक्रण हेतु ‘‘डिपॉजिट रिटर्न स्कीम’’ की लॉचिंग।