पुतिन का बड़ा फैसला; रूस काला सागर अनाज डील से हुआ अलग, दुनिया भर में बढ़ सकता है खाद्यान्न संकट
17 महीने से चल रहे रूस और यूक्रन के बीच युद्ध के बीच पुतिन के एक फैसले ने पूरी दुनिया को एक नए संकट में डाल दिया है, रूसी मिडिया के अनुसार राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने काला सागर से हो रहे अनाज निर्यात को अनुमति देने वाले समझौते से रूस को अलग कर लिया है, इस फैसले से कई देशों में खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो सकता है।
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पुतिन ने क्यों लिया यह फैसला
रूस के काला सागर अनाज डील से अलग होने का फैसला उस घटना के बाद लिया गया है जब रूस और क्रीमिया को जोड़ने वाला एक रोड ब्रिज तोड़ दिया गया, रूस ने इसके लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया, रूस की तरफ से कहा गया कि इस घटना के लिए यूक्रन के समुद्री ड्रोन जिम्मेदार है तथा इससे यूक्रेन में लड़ रहे रुसी सैनिकों को हथियार और रसद पहुंचने में बहुत समस्याएँ आएंगी।
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क्या कहा गया क्रेमलिन की तरफ से
रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि रूस अब काला सागर समझौते को आगे नहीं बढ़ाएगा इसका प्रभाव समाप्त हो गया है, उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगों पर सही परिणाम मिलते हैं तो हम इसके बारे एक बार फिर विचार करेंगे।
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क्यों महत्वपूर्ण था यह समझौता
यूक्रेन तथा रूस दोनों देश बड़े कृषि उत्पादक देश हैं तथा इन देशों से दुनिया के कई देशों को गेंहूं, मक्का, सरसों, सूरजमुखी, जौं जैसे अनाजों का निर्यात किया जाता है रूस के इस फैसले से दुनिया भर में खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी हो जाएगी, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रूस का यह फैसला अनुचित है तथा इसका नतीजा यह होगा कि जहा पर अनाज की सख्त जरुरत है, वहां पर इसे भेजना मुश्किल हो जायेगा।