संसद की सदस्यता जाने के बाद राहुल गांधी को दिल्ली कोर्ट से मिली बड़ी राहत, जानिए कोर्ट का फैसला

संसद की सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस के राहुल गांधी ने अपना डिप्लोमेटिक पासपोर्ट सरेंडर कर दिया था। इसी बीच राहुल गांधी को कोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है। बताया जा रहा हैं कि राहुल गांधी ने नया पासपोर्ट बनवाने के लिए दिल्ली की कोर्ट में अर्जी दी थी। इस बीच कोर्ट ने इस याचिका को मंजूर कर लिया है।
इस फैसले में अदालत ने कहा कि अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) सिर्फ तीन साल के लिए वैध होगा। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता ने राहुल गांधी की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया।
राहुल गांधी को नए पासपोर्ट के लिए एनओसी की जरूरत थी। इस संबंध में उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसपर आज सुनवाई हुई हैं। वैसे राहुल गांधी ने एनओसी की अवधि दस साल बढ़ाने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने इसे नकारते हुए कहा है कि राहुल गांधी की एनओसी सिर्फ 3 साल के लिए वैध होगी।
वकीलों के मुताबिक कोर्ट के फैसले का मतलब है कि अगर वह एनओसी बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें तीन साल बाद फिर से दोबारा कोर्ट आना होगा।
गुजरात के सूरत में एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में दोषी पाए जाने के बाद राहुल गांधी को एक सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। ये मामला ‘मोदी सरनेम’ से जुड़ा था, इस फैसले के बाद राहुल गांधी को अपनी संसद की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा।
एमपी रद्द होने के बाद राहुल गांधी ने अपना डिप्लोमैटिक पासपोर्ट सरेंडर कर दिया। अब उन्होंने सामान्य पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। जिसके लिए उन्हें एनओसी की जरूरत थी। जो अब मिल गई है।
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