सकाहा का संकट हरण मंदिर, दिव्यता को समाहित करता आस्था का स्वर्ग
उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद के सकाहा ग्राम में भगवान शिव को समर्पित संकट हरण मंदिर स्थित है। सकाहा ग्राम में स्थित यह शिव मंदिर “शिव संकट हरण मंदिर सकाहा” के नाम से जाना जाता है। जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर स्थित प्राचीन शिव मंदिर के प्रति देशभर के शिवभक्तों की अटूट आस्था है। अपने समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक महत्व के साथ, संकट हरण मंदिर सकाहा सांत्वना और आशीर्वाद चाहने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक आध्यात्मिक स्वर्ग बन गया है।
इस मंदिर की खासियत है कि यहाँ स्थापित पौराणिक शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। इस पौराणिक शिवलिंग के प्राकट्य का कोई लिखित प्रमाण नहीं है परन्तु माना जाता है कि इस शिवलिंग की उत्पत्ति सैकड़ों वर्ष पूर्व हुई और यह हजारों वर्ष पुराना है। इसकी वास्तुशिल्प भव्यता पारंपरिक प्रभावों का एक सुंदर मिश्रण दर्शाती है। अलंकृत शिखरों से सजी दीवारें और खंभे, मंदिर को विस्मयकारी बनाते हैं। भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद लेने और चुनौतीपूर्ण समय में सुरक्षा और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त करने के लिए दूर-दूर से इस पवित्र स्थान पर आते हैं।
सकाहा स्थित संकट हरण मंदिर में वर्ष भर उत्सवों का आयोजन होता रहता है। सावन के पूरे महीने यहां रौनक का माहौल रहता है और कांवड़ियों तथा शिवभक्तों का बड़ा जमावड़ा होता है। मान्यता है कि यहां भगवान शिव की महिमा से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, इसलिए इस शिवालय का नाम शिव संकट हरण है। मंदिर परिसर जीवंत सजावट, भक्ति गीतों और फूलों और प्रसाद से जीवंत हो उठता है।
सकाहा का संकट हरण मंदिर आध्यात्मिक पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में उभरा है, जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों आगंतुकों को आकर्षित करता है। इसका शांत वातावरण और ऐतिहासिक महत्व भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक विविधता की खोज करने के इच्छुक पर्यटकों को आकर्षित करता है। मंदिर का परिवेश एक शांत स्थान प्रदान करता है, जो शहरी जीवन की उथल-पुथल से राहत पाने वालों को सांत्वना प्रदान करता है।
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