उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा 20 दिवसीय संस्कृत भाषा शिक्षण कक्षाओं के अंतर्गत बौद्धिक सत्रों का आयोजन
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा संचालित 20 दिवसीय संस्कृत भाषा शिक्षण कक्षाओं के अंतर्गत बौद्धिक सत्रों का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बरेली जनपद के जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी और सेंट स्टीफेंस कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पंकज मिश्रा उपस्थित रहे। डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने इस अवसर पर आधुनिक समय में संस्कृत भाषा की आवश्यकता एवं वर्तमान उपादेयता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में संस्कृत भाषा का प्रचार आवश्यक है। हमें परस्पर हमेशा संस्कृत में व्यवहार करना चाहिये यह हमारा संकल्प होना चाहिये । यह महत्वपूर्ण है कि संस्कृत का जो पाठ्यक्रम है उसका संशोधन आवश्यक है जिससे संस्कृत भाषा भी जीविकोपार्जन की भाषा बने । डा॰ मिश्र ने अपने वक्तव्य में संस्कृत भाषा के प्रति जनमानस में जागरूकता एवं रुचि की उत्पद्यता पर प्रकाश डालते हुये बताया कि यह भाषा मात्र भाषा ही नहीं हमारी जीवन शैली है । जन्म से मरण तक इसी भाषा के माध्यम से हमारी संस्कृति में षोडशोपचार विधि को सम्पन्न कराया जाता है इसलिये संस्कृत भाषा हमारे जीवन की मुख्यधारा में होनी चाहिये । जिससे हम अपनी संस्कृति, संस्कारों से परिचित हो सकें और आने वाली पीढियों को परिचित करा सकें और भारत को पुनः विश्वगुरू की ओर अग्रसर कर सकें । उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा के लिए चलाई जा रही योजना उपक्रम को निरंतरता प्रदान की जाएगी।
सत्र का संचालन पंकज शर्मा एवं पूजा द्वारा किया गया। मंगलाचरण एवं सरस्वती वंदना मीना योगी-जनकराज व अंजलि-मनप्रीत द्वारा किया गया। स्वागत भाषण एवं अतिथियों का परिचय संस्थान के प्रशिक्षक अंशू गुप्ता द्वारा किया गया। सत्र में संस्थान द्वारा संचालित समस्त योजनाओं एवं कार्यक्रमों से प्रशिक्षक पंकज शर्मा एवं अनीता वर्मा ने अवगत कराया। कक्षा के छात्रों ने अनुभवकथन, गीत इत्यादि की मनमोहक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के अंत में संस्थान के प्रशिक्षक डॉ. सत्यप्रकाश मिश्रा ने समस्त अतिथियों, प्रशिक्षकों एवं संस्कृत प्रेमियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। छात्रा प्रियंका शर्मा और पूजिता ने शांति मंत्र कर कार्यक्रम
को संपन्न किया। इस अवसर पर डॉ दिनेश मिश्र, सर्वेक्षिका डॉक्टर चंद्रकला शाक्या, प्रशिक्षण प्रमुख सुधीष्ट मिश्र, प्रशिक्षण समन्वयक धीरज मैठाणी, समन्वयिका राधा शर्मा और दिव्यरंजन उपस्थित रहे।