अपने गांव के अकेले खिलाड़ी हैं सरबजोत, कंधे की चोट ने नही पहुंचने दिया पहले पायदान पर
अम्बाला के एक छोटे से गांव ढिंग के रहने वाले सरबजोत ने यहां कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में चल रहे निशानेबाजी में 10 मीटर एयर पिस्टल में सिल्वर मेडल जीता है। इस जीत से थोड़े नाखुश है क्योंकि उनके नाम पर पहले वर्ल्ड कप का गोल्ड मेडल दर्ज है। ऐसे में सिल्वर पदक पाना उन्हें उतनी खुशी नही दे रहा है लेकिन इसके लिए वह अपने फिजिक को जिम्मेदार ठहराया रहे हैं। दरअसल उनके कंघे में चोट लगी है जिसकी वजह से वह एक महीने से भी ज्यादा समय से प्रैक्टिस नही कर रहे हैं। ऐसे में किसी भी प्रतियोगिता में अच्छा रिजल्ट आना थोड़ा मुश्किल है फिर भी उन्होंने कंधे की दर्द की परवाह किए बगैर खेला और सिल्वर मेडल जीता।
वह इससे पहले भी खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में शिरकत कर चुके हैं। यहां चल रहे “खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, उत्तर प्रदेश 2022” के टीम श्रेणी में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता है। वह अभी कुछ दिनों तक आराम करना चाहते हैं ताकि कंधे का दर्द ठीक हो जाय। उसके बाद फिर एक बार वह इंटरनेशनल की तैयारी में जुटेंगे।
सरबजोत बताते हैं कि वह जब 8वीं क्लास में थे तो कैम्प में गए थे और वहीं से शूटिंग की शुरुआत हुई। उनके पिता जी किसान है, लेकिन परिवार के अन्य लोग विदेश में रहते हैं। सभी का सपोर्ट मिलता है। वह खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आयोजक उत्तर प्रदेश सरकार के शुक्रगुजार है कि उनकी वजह से नए युवा खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिल रहा है। आयोजकों के इंतजाम से भी वह काफी संतुष्ट हैं।