जानते है क्या हुआ जब इस कंपनी ने अपनी 10 नई ब्रैंड न्यू कारों को 30 मीटर की ऊंचाई से गिराया

सुनने में यह शायद आपको थोड़ा अजीब लग रहा होगा की एक निर्माता कंपनी ने अपनी नई कारों को आखिर क्यों निचे गिराया वो भी 30 मीटर की ऊंचाई से। एक कार कंपनी है Volo, जिसने अपनी गाड़ियों की मजबूती को टेस्ट करने के लिए ऐसा किया। वॉल्वो कार्स ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है। पहली नजर में जब आप इस वीडियो को देखेंगे तो हैरान रह जाएंगे। लेकिन जब आप इसके पीछे के मकसद को जानेंगे तो कहेंगे कि ग्राहकों की सुरक्षा इस कंपनी के लिए सर्वोपरि है।
We wanted to help our Emergency Services develop new methods of extracting people after severe accidents, but our regular crash tests weren't enough. So, we had to think of something a little more extreme.... #ForEveryonesSafety pic.twitter.com/fMGF1A4HtU
वैसे तो Volvo Cars अपनी मजबूती के लिए जानी जाती है। लेकिन इस तरह के क्रैश टेस्ट से कंपनी के प्रति ग्राहकों का विश्वास और बढ़ जाएगा। कंपनी ने 10 नई चमचमाती कारों को 30 मीटर की ऊंचाई से खाई में गिराकर क्रैश टेस्ट किया। कंपनी ने क्रैश टेस्ट में ब्रैंड न्यू कारों को ऊंचाई से गिराकर क्रैश किया है। दरअसल, ये एक सुनियोजित क्रैश टेस्ट था। इस टेस्ट को रेस्क्यू ट्रेनिंग के लिए करवाया गया था। इसमें कंपनी की नई कारों को ऊंचाई से क्रैश किया गया जिससे रेस्क्यू वर्कर्स को ट्रेनिंग दी जा सके। टेस्ट को सुरक्षित तरीके से किया गया था, जिससे किसी को चोट ना आ सके।
कंपनी ने क्रेन की मदद से पहले कार को हवा में 30 मीटर (100 फीट) की ऊंचाई पर लटकाया, और फिर ड्रॉप कर दिया। इस टेस्ट के दौरान कार को काफी क्षति पहुंची जैसा कि किसी भी बड़े हादसे के दौरान होता है। लेकिन कार का केवल अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ। कंपनी ने यह क्रैश टेस्ट इमरजेंसी से निपटने के लिए किया है। कई बार इस तरह के हादसे हो जाते हैं और फिर रेस्क्यू में दिक्कतें आती हैं। इसलिए कंपनी ने बिल्कुल नई कारों को ऊंचाई से गिराया, जिससे रेस्क्यू वर्कर्स को अच्छे से समझाया जा सके।
यह होगा फायदा
कंपनी को इस क्रैश टेस्ट से ये पता चलेगा कि तेज स्पीड में अगर कार का एक्सीडेंट होता है तो पिर क्या स्थिति पैदा होगी। कंपनी का कहना है कि इस तरह के हादसे को लेकर यह परीक्षण किया जा रहा है कि कैसे पीड़ितों को तत्काल गाड़ी से बाहर निकाला जा सके और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जा सके।