दुनिया के आठवें महाद्वीप की खोज; खोजकर्ताओं द्वारा महासागरीय महाद्वीप का नाम ‘जीलैंडिया’ रखा गया

विश्व सात महाद्वीपों से मिलकर बना है। लेकिन अब इस बात के सबूत हैं कि आठवां खंड भी मौजूद है। भूवैज्ञानिकों ने 375 साल से छिपे इस महाद्वीप को खोज निकाला है। इस महाद्वीप का नाम ‘जीलैंडिया’ रखा गया है।
Phys.org की रिपोर्ट के अनुसार, भूवैज्ञानिकों और भूकंप विज्ञानियों की एक टीम ने ‘जीलैंडिया’ या ‘ते रिउ-ए-माउई’ का एक संशोधित नक्शा बनाया है। यह महाद्वीप समुद्र में दो किलोमीटर की गहराई पर पाया गया है। शोधकर्ताओं ने समुद्र तल पर चट्टान के नमूनों से मिली जानकारी का उपयोग करके महाद्वीप का पता लगाया है। चूंकि यह महाद्वीप पानी में है इसलिए वहां तक पहुंचना संभव नहीं है।
विस्तार 49 लाख वर्ग कि.मी. मेडागास्कर से लगभग छह गुना बड़ा क्षेत्र
सबसे छोटे, सबसे संकीर्ण और नए महाद्वीप का रिकॉर्ड
नये महाद्वीप का 94 प्रतिशत भाग जलमग्न है
न्यूज़ीलैंड जैसे कुछ मुट्ठी भर द्वीप
जीलैंडिया लगभग 55 मिलियन वर्ष पहले प्राचीन महाद्वीप गोंडवाना का हिस्सा था
विवर्तनिक हलचलों के कारण जीलैंडिया का कुछ भाग अलग होकर समुद्र में विलीन हो गया
वैज्ञानिकों के अनुसार, दुनिया में वास्तव में आठ महाद्वीप हैं। जीलैंडिया महाद्वीप का अध्ययन करने पर शायद ही इसे समझा जा सके। वैज्ञानिक समुद्र तल से लाए गए चट्टान और तलछट के नमूनों का अध्ययन कर रहे हैं। कुछ चट्टान और तलछट के नमूने उत्खनन स्थल से और कुछ क्षेत्र के द्वीपों के किनारों से लाए गए हैं। पश्चिम अंटार्कटिका में भूवैज्ञानिक नमूनों के एक अध्ययन से न्यूजीलैंड के पश्चिमी तट पर कैंपबेल पठार के पास एक सबडक्शन केंद्र का सुझाव दिया गया है।
कैंपबेल फॉल्ट में ‘स्ट्राइक-स्लिप’ के आसपास के सिद्धांतों के खिलाफ तर्क देने वाले वैज्ञानिकों को क्षेत्र में चुंबकीय विसंगतियां नहीं मिली हैं।