कविता - शांति का संदेश
Medhaj News
17 Aug 20 , 13:08:41
Special Story
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बोली चाहे कोई भी बोलो,
खिड़की सभी दिलों की खोलो।
अमन शांति का गीत है गाओ,
नफरत कभी न दिल में लाओ।
घर घर में प्रेम दया बरसाओ,
इक दूजे को गले लगाओ।
सर्व धर्म समान है,
भारत की यही पहचान है।
वसुन्धरा से गूंज रही,
शांति और सद् भावना,
हम सब की भी रहे यही भावना।
तज दें मन-संकीर्णता
गन्दे सभी विचार।
जाति धर्म सब भूलकर
रखें ह्रदय में प्यार।
एक राष्ट्र की एकता
दूजा करूणा त्याग।
जन जन का कर्तव्य हो
सबके हित अनुराग।
---डा.बंदना जैन(कोटा,राजस्थान)---
मेरी पिछली कविता पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें----> बढती उम्र का दर्पण
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