अमेरिका के वजह से ताइवान और चाइना आमने-सामने
रूस और यूक्रेन के बीच जंग पिछले 18 महीनों से जारी है अभी तक इस जंग का कोई नतीजा नही निकला है और अभी हाल फिलहाल ऐसा कुछ लग भी नही रहा है कि जिससे ये जंग रुक जाएगा। खबर आ रही है कि अमेरिका ने ताइवान के लिए 28 हजार करोड़ रुपए के मिलिट्री पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज में हथियार, मिलिट्री एजुकेशन और ट्रेनिंग भी शामिल है। अमेरिका ने इसकी घोषणा की है। व्हाइट हाउस ने ये नहीं बताया कि वो कौन से हथियार ताइवान को दे रहा है।
आज अधिकारियों ने अमेरिकी मीडिया आउटलेट्स को बताया है कि पैकेज में पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम, पिस्टल, राइफल और दुश्मन पर नजर रखने के लिए जरूरी उपकरण भी शामिल हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इस पैकेज से ताइवान भविष्य में उस पर होने वाले हमलों का जवाब देने के लिए तैयार रह पाएगा। अमेरिका के मिलिट्री पैकेज ने चीन को भड़का दिया है। वॉशिंगटन में चीन के दूतावास की प्रवक्ता ने कहा है अमेरिका इन हरकतों से ताइवान इलाके में तनाव बढ़ाना चाहता है। उन्हें ताइवान को हथियार बेचना तुरंत बंद करना चाहिए।
जानकारी के लिए आपको बता दे कि ये हथियार खुद अमेरिका के रिजर्व से निकाल कर दिए जा रहे हैं। इससे ताइवान को उनकी डिलीवरी जल्द ही मिल जाएगी। अमेरिकी संसद ने राष्ट्रपति बाइडेन को ये अधिकार दिए हैं कि वो अपने रिजर्व से ताइवान को हथियार दे सकते हैं। अमेरिका इसी तरह से यूक्रेन की भी मदद कर रहा है। पेंटागन की डिप्टी डिफेंस सेक्रेटरी के मुताबिक यूक्रेन जंग से सबक लेकर अमेरिका हमले से पहले ही ताइवान को हथियार सप्लाई कर रहा है। उनका कहना है कि ताइवान के द्वीप होने की वजह से एक बार हमला शुरू होने के बाद अमेरिका को वहां तक हथियार पहुंचाने में परेशानी होगी।
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