तेजस लड़ाकू विमान-नाम ही काफी है

तेजस , भारत का स्वदेशी एससीए तेजस लड़ाकू विमान जो चाइना के जे ऍफ़ -१५ से कंही बेहतर , सिंगल इंजन का लड़ाकू विमान है , यह विमान देखने में छोटा और हल्का जरूर है, लेकिन इसमें वे सभी खूबियां शामिल हैं, जो किसी बड़े लड़ाकू विमानों में होती है। तेजस को दुश्मन के विमानों पर हमला करने के लिए उनके नजदीक जाने की जरूरत नहीं होती।
अब सभी युद्ध क्षेत्रो में होगा क्योकि भारत मिग २१, मिग २३ और मिग २७ को जल्दी ही अपने बेड़े से बाहर कर देगा ऐसा एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने भारतीय वायु सेना से मिग क्लास के विमानों को रिटायर करने का प्लान बताया है। भारतीय वायु सेना के लिए बनाए गए पहले सी-295 विमान का हैंडओवर लिया था। सी-295 विमान को पुराने एवरो-748 बेड़े से बदला जाएगा। भारत ने सितंबर 2021 में 21,935 करोड़ रुपये की लागत से 56 एयरबस C295 विमानों के अधिग्रहण का सौदा किया था। पहले 16 सी295 को सेविले में असेंबल किया जाएगा, जबकि बाकी के 40 विमानों को टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के सहयोग से गुजरात के वडोदरा में बनाया जाएगा। भारतीय वायु सेना लंबे समय से लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही है।
भारत इन सभी विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के साथ, यह आवश्यक है कि हमारी लिस्ट में पर्याप्त संख्या में एलसीए श्रेणी के विमान हों। ऐसे में स्वदेशी एसलीए तेजस विमानों के शामिल होने से वायु सेना की ऑपरेशनल क्षमता में जबरदस्त इजाफा होने की उम्मीद है। भारतीय वायु सेना पहले से ही तेजस के दो स्क्वाड्रन को ऑपरेट कर रही है।
भारत वायु सेना मिग-21 लड़ाकू विमान का इस्तमाल कर रही है। इस विमान ने भारत की तरफ से कई युद्धों में हिस्सा लिया है और जिताया भी । मिग-21 भारतीय वायु सेना का पहला सुपरसोनिक स्पीड से उड़ने वाला लड़ाकू विमान भी है। लेकिन, अब यही विमान उड़ता ताबूत बन चुका है, जिसके कारण भारतीय वायु सेना को अपने कई बहादुर पायलटों को खोना पड़ा है। वर्तमान में भारतीय वायु सेना 54 मिग-21 लड़ाकू विमानों को आपरेट करती है।