विशेष खबर

चल रहा बिना फूड लाइसेंस के पनीर की सब्जी पैकिंग का कारोबार बाइकों से सप्लाई होता है सिंथेटिक पनीर

यदि आप क हांडी पनीर, मटर पनीर, शाही पनीर और कढ़ाई पनीर जैसे चटपटे खाद्य पदार्थ खाने के शौकीन हैं, तो जरा ठहरिये। खाने से पहले एक बार पनीर शुद्ध है की नही संतुष्ट होकर ही उपयोग करें। क्योंकि खाद्य सुरक्षा विभाग की अनदेखी के कारण जलालाबाद नगर व हाईवे क्षेत्र में भी सिंथेटिक पनीर का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है। रोजाना करीब 10 कुंतल पनीर को दूध का कारोबार करने वाले बाइक से नगर के होटलों व हाईवे पर स्थिति ढाबों पर सप्लाई कर रहे है। यह कारोबार एक दो साल में तेजी से पनपा है। समारोहों में होने वाले सामूहिक भोज में इसे बड़े पैमाने पर खपाया जाता है। यहां तक कि नगर के होटलों तक में यही पनीर पहुंच रहा है। नगर क्षेत्र के अंदर कई ऐसे होटल है जो शाम को चार बजे के बाद खुलते है, और पनीर की सब्जी बनाकर पैकिंग कर बेचने का कार्य करते है, इन होटल पर साफ सफाई की व्यवस्था भी ठीक नही होती यह स्वच्छता संबंधी नियमों का पालन नही करते है। खाद्य सुरक्षा विभाग से मिलीभगत के चलते इनके यहां जांच भी नहीं होती। होटलों में लोगों से पनीर के नाम पर अच्छी-खासी कीमत वसूली जाती है।

सूत्रों की मानें तो नगर में मुख्य चौराहा के आसपास, छोटी गल्ला मंडी के आसपास, मुख्य बाजार में ज्यादातर दुकानों पर यही पनीर बिक रहा है। खाद्य सुरक्षा की टीम पनीर विक्रेताओं के यहा त्यौहार के समय छापेमारी करने कभी कभार आती है, लेकिन आज तक किसी होटल, ढ़ाबे पर चेकिंग अभियान नही चलाया। कुछ होटल बालों और पनीर विक्रेताओं के पास खाद्य सुरक्षा विभाग का लाइसेंस भी नहीं है। लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग ने आज तक लाइसेंस की जांच ही नहीं की। जबकि नियम यह है कि दूध उत्पादों का उत्पादन करने वाली इकाइयां इसे खुले में नहीं बेच सकतीं। उन्हें पैकेजिंग करके ही बेचना होगा। इसके उलट बाइक से सप्लाई करने वाले खुले डिब्बों व बाल्टियों में रख कर लाते हैं। दुकानदार ढाबा मालिकों से बात की तो वह कहते हैं जब फूड इंस्पेक्टर भरपूर पैसा लेकर जाते हैं. तो हम पनीर क्यों ना बेच पनीर में हमारे कोई कमी नहीं बताई जा रही है सैंपल भरे है फूड इंस्पेक्टर जलालाबाद हर पनीर कारोबार से भरपूर रुपया लेते हैं यह जलालाबाद के दुकानदार ढाबा मालिकों का कहना है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button