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मथुरा का भव्य एवं पावन श्री द्वारकाधीश मंदिर

मथुरा, उत्तर प्रदेश में स्थित श्री द्वारकाधीश मंदिर भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में उभरता है। श्री द्वारकाधीश मंदिर मथुरा का एक अद्वितीय धार्मिक स्थल है जो अपने इतिहास, सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर की दर्शनीय सुंदरता और धार्मिक वातावरण इसे अद्वितीय बनाते हैं। श्री द्वारकाधीश मंदिर मथुरा के पाठक गली में यमुना घाट के पास स्थित है। श्री द्वारकाधीश मंदिर दिल्ली से लगभग 145 किलोमीटर और आगरा से लगभग 60 किलोमीटर है।

मंदिर का इतिहास

श्री द्वारकाधीश मंदिर की वर्तमान संरचना का निर्माण 1814 में सेठ गोकुल दास पारिख द्वारा किया गया था। यह मंदिर भगवान कृष्ण के परम भक्त सेठ गोकुल दास पारिख अटूट भक्ति और श्रद्धा का परिचायक है।

मंदिर की सुंदरता

श्री द्वारकाधीश मंदिर मथुरा का सबसे सुंदर मंदिर है, जो अपने अलंकृत निर्माण और भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद्ध है। इसका मुख्य भवन राजस्थानी शैली में शिल्प कौशल से निर्मित है और इसका दृश्य अत्यंत मनमोहक है।

आकर्षण का केंद्र

मंदिर परिसर में एक बड़ा प्रांगण आकर्षण का मुख्य केंद्र है। मुख्य भवन के प्रवेश द्वार को राजस्थानी शैली में भव्य रूप से उकेरा जिसमें कुछ सीढ़ियाँ हैं जो मुख्य प्रांगण की ओर जाती हैं। सुंदर राजस्थानी स्थापत्य शैली और शिल्प कौशल परिसर को और भी आलीशान बनाते हैं। प्रांगण के केंद्र में एक सुंदर चित्रित छत और नक्काशीदार स्तंभों की पांच पंक्तियाँ हैं जो पूरे प्रांगण को तीन अलग-अलग खंडों में विभाजित करती हैं। प्रांगण की छत पर भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के विभिन्न रूपों को चित्रित करने वाले आश्चर्यजनक चित्र हैं। प्रांगण के सामने गर्भगृह है जहां भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र मूर्ति रखी गई है।

नियम और विधियाँ

केंद्रीय मंदिर परिसर में कैमरे, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ले जाने की अनुमति नहीं है। मंदिर परिसर में दो द्वारों से प्रवेश होता है।

आसपास के स्थल

श्री द्वारकाधीश मंदिर शहर के केंद्रीय रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन से लगभग 3.5 किलोमीटर दूर है, जहाँ से मंदिर के लिए बसें, टैक्सी और ऑटो-रिक्शा उपलब्ध हैं। मथुरा से निकटतम हवाई अड्डा 60 किलोमीटर दूर आगरा में है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या मंदिर में फोटोग्राफी अनुमति है?

नहीं, मंदिर परिसर में फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है।

मंदिर का समय क्या है?

मंदिर प्रातः 7 बजे से रात्रि 8 बजे तक खुला रहता है।

क्या मंदिर में प्रसाद उपलब्ध है?

हां, मंदिर में प्रसाद उपलब्ध है और यह विशेष धार्मिक महत्व रखता है।

क्या मंदिर के निकट होटल उपलब्ध हैं?

हां, मंदिर के निकट होटल और आवासीय सुविधाएं उपलब्ध हैं।

क्या मंदिर के पास कुछ आर्ट गैलरी या खरीददारी की जगहें हैं?

हां, मंदिर के पास कई आर्ट गैलरी और खरीददारी की जगहें हैं जो पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण हैं।

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