भारत

पूर्वोत्तर में शुरु होंगी 16 परियोजनाएं, मंत्रालय ने मंजूर किए 1300 करोड़ रुपये

पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन स्थलों को नई पहचान और विकास की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने 16 परियोजनाओं की मंजूरी दी है। पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन की अपनी योजना के तहत असम में 02 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

बता दें कि पर्यटन स्थलों की पहचान और विकास प्राथमिक रूप से संबंधित राज्य सरकार व संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन की जिम्मेदारी है। हालाँकि, पर्यटन मंत्रालय अपनी स्वदेश दर्शन योजना के तहत देश में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्य सरकार व केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन व केंद्रीय एजेंसियों आदि को धन प्रदान करता है।

 

पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सोमवार को लोकसभा में ये जानकारी दी है। पर्यटन मंत्रालय ने साल 2022-23 के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 227 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए जनजातीय उप योजना के तहत 98 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

किशन जी. रेड्डी के अनुसार, वित्त मंत्री ने पर्यटन मंत्रालय के लिए 2400 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि निर्धारित की है। यह बजट 2021-22 की तुलना में 18.42 फीसदी अधिक है और इसका उपयोग मंत्रालय पर्यटन बुनियादी ढांचे, विपणन और प्रचार, और क्षमता निर्माण के विकास के लिए करेगा।

2400 करोड़ रुपये में से 1644 करोड़ रुपये पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निर्धारित किए गए हैं, जिसमें स्वदेश दर्शन योजना के लिए 1181.30 करोड़ रुपये का परिव्यय शामिल है। स्वदेश दर्शन योजना पर्यटन मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है। बजट आवंटन से मंत्रालय को योजना के तहत चल रही परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी और निर्मित बुनियादी ढांचा छोटे और कम ज्ञात स्थलों पर पर्यटकों को बेहतर पर्यटन अनुभव प्रदान करेगा। स्वदेश दर्शन योजना के तहत 55 नए स्थलों को विकसित करने की योजना बनाई जा रही है और मंत्रालय पूर्वोत्तर, हिमालयी क्षेत्र, जनजातीय क्षेत्र आदि पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा।

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