उत्तर प्रदेश / यूपीराज्य

परिवहन मंत्री ने सीएसआर फण्ड द्वारा डीटीटीआई सेंटर्स में पहल करने हेतु प्रतिष्ठित कम्पनियों को आगे आने हेतु किया आग्रह

उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कल 14 मण्डलीय जनपदों में बन रहे ड्राइविंग ट्रेनिंग टेस्टिंग इन्स्टीट्यूट (डीटीटीआई) के ऑटोमेशन एवं संचालन के लिए देश की महानिर्माता कम्पनियों के प्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ परिवहन निगम मुख्यालय के सभागार कक्ष में बैठक की। उन्होंने देश के प्रतिष्ठित कम्पनियों के प्रतिनिधियों से निर्माणाधीन 14 डीटीटीआई सेंटरों के टेक ऑटोमेशन एवं संचालन सीएसआर फण्ड के माध्यम से स्वयं करने का आग्रह किया।

परिवहन मंत्री ने कहा कि देश एवं प्रदेश में हो रही सड़क दुर्घटनाएं एक गम्भीर विषय है। सरकार के साथ-साथ हम सभी का यह दायित्व है कि हम इन दुर्घटनाओं को रोकने में सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग डीटीटीआई सेंटर बनाकर टेक ऑटोमेशन एवं संचालन हेतु इच्छुक कम्पनियों को सौंपेगा। सिमुलेटर टैªक का ऑटोमेशन ट्रेनिंग वाहन (एलएमवी, बस एवं ट्रक) इत्यादि की व्यवस्था कम्पनी को सीएसआर फण्ड के माध्यम से करना होगा।

परिवहन मंत्री के आग्रह पर अशोक लिनेंट कम्पनी के प्रतिनिधि ने बताया कि मुजफ्फर नगर एवं मेरठ हेतु प्रस्ताव दिया है। इसी प्रकार बजाज कम्पनी के प्रतिनिधि ने बताया कि अयोध्या एवं गोरखपुर हेतु उन्होंने प्रस्ताव दिया है। उक्त कम्पनी के अलावा अन्य कम्पनी के प्रतिनिधियों ने सीएसआर फण्ड के खर्च हेतु इन्टरनल मीटिंग के बाद अपनी सहमति देने हेतु एक सप्ताह का समय दिये जाने का आग्रह किया।

परिवहन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार चिन्तित है। इसी क्रम में आज की यह बैठक बुलाई गयी है। उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग की गुणवत्ता के लिए सरकार प्रतिष्ठित कम्पनियों को विभाग से जोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि आप सभी का अन्य राज्यों में भी कार्य का अनुभव है। साथ ही आप सब परिवहन विभाग से भी जुड़े हुए हैं।

परिवहन मंत्री ने ड्राइविंग लाइसेंस एवं आरसी में हो रहे विलम्ब के कारणों के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली और इसमें तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि डीएल एवं आरसी प्राप्त होने तक उपभोक्ता डीजी लॉकर एवं एम परिवहन ऐप पर उपलब्ध वाहनों के अभिलेखों को क्षेत्रीय पुलिस एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों को दिखा सकता है। साथ ही निर्देश दिये कि क्षेत्रीय पुलिस एवं परिवहन विभाग के अधिकारी ऐसे उपभोक्ताओं को भौतिक डीएल एवं आरसी दिखाने हेतु बाध्य नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि डीजी लॉकर एम परिवहन ऐप पर उपलब्ध वाहनों के अभिलेख ही वैध माने जाएंगे, जब तक भौतिक डीएल या आरसी उपभोक्ताओं को न प्राप्त हो जाय।

बैठक में प्रमुख सचिव परिवहन/एमडी परिवहन निगम वेंकटेश्वर लू, परिवहन आयुक्त चन्दभूषण सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button