राज्यउत्तर प्रदेश / यूपी

बिना मैप्ड माइन टैग एवं और बिना खनिजों के अभिवहन प्रपत्र के नहीं होगा, खनिजों का परिवहन : डा० रोशन जैकब

निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म डा० रोशन जैकब ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी के सख्त निर्देश हैं कि प्रदेश में किसी भी दशा में अवैध खनन नहीं होने दिया जाएगा और न ही ओवर लोडिंग होने दी जाएगी और इस दिशा में बहुत ठोस व प्रभावी रणनीति बनाकर काम किया जा रहा है, जिसके बहुत ही सार्थक व सकारात्मक परिणाम निखर कर आ रहे हैं। लगातार निगरानी, प्रवर्तन व औचक निरीक्षण किया जा रहा है। पूर्व में बनी व्यवस्था को जिला प्रशासन व अन्य सम्बंधित विभागों से समन्वय बनाकर और इतना अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है कि किसी भी दशा में न तो अवैध खनन हो पायेगा और न ही खनिजों का अवैध परिवहन ही हो पायेगा।

कतिपय वाहनों में डाला पर पटरा/पट्टा लगाकर उप खनिजों की ओवर लोडिंग के मामले जांच में आने पर निर्णय लिया गया है कि अब फिक्स बाडी वाहनों में ही उप खनिजों (बालू, मोरम, गिट्टी आदि)का परिवहन होने दिया जाएगा। इसके अलावा बिना मैप्ड माइन टैग एवं और बिना खनिजों के अभिवहन प्रपत्र के खनिजों का परिवहन किसी भी दशा में नहीं होने दिया जाएगा। यह तथ्य भी निरीक्षण में सामने आया है कि कतिपय वाहनों के अभिवहन प्रपत्र में खनन स्थल (हमीरपुर/जालौन) से अधिक दूरी के गन्तव्य स्थल यथा सहारनपुर आदि दर्शाकर अभिवहन प्रपत्र में परिवहन अवधि बढ़ाकर जारी कराया जा रहा, अब अभिवहन प्रपत्र में अनुमानतः दूरी/दायरा/अवधि भी तय की जायेगी।

’जालौन, औरैया, इटावा और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे पर चला सघन चेकिंग अभियान’ खनिजों के अवैध परिवहन/ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण के दृष्टिगत सचिव/निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म के नेतृत्व में निदेशालय के 20 सदस्यीय जाँच दल द्वारा दिनांक 27 जून 2023 की रात्रि में जनपद जालौन में जोल्हूपुर मोड़, उरई – चिकासी मार्ग पर डकोर तथा बुन्देलखण्ड एक्स्प्रेसवे पर औरैया एवं इटावा आदि क्षेत्रों में खनिजों का परिवहन करने वाले लगभग 250 वाहनों की जाँच की गयी। जाँच के दौरान अधिकांश वाहन सिक्योरिटी पेपर युक्त अभिवहन प्रपत्र के साथ अनुमन्य मात्रा के सापेक्ष खनिजों का परिवहन करते पाये गये । कतिपय वाहन बिना अभिवहन प्रपत्र के खनिजों का परिवहन करते पाये गये, जिसका ऑनलाइन चालान किया गया। जाँच के दौरान कुछ वाहनों में माइन टैग नही लगे थे तथा कुछ वाहनों में माइन टैग लगे थे, किन्तु वाहनों से मैप्ड नही थे ।

’जिलाधिकारियों को दिये गये ,व्यापक दिशा निर्देश’

जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि दिनांक 01 जुलाई.2023 से बिना मैप्ड माइन टैग एवं बिना खनिजों के अभिवहन प्रपत्र के निर्गमन न किया जाये। जाँच के दौरान यह भी देखा गया कि कतिपय वाहनों के अभिवहन प्रपत्र में खनन स्थल (हमीरपुर / जालौन) से अधिक दूरी के गन्तव्य स्थल यथा सहारनपुर आदि दर्शाकर अभिवहन प्रपत्र में परिवहन अवधि बढ़ाकर जारी कराया जा रहा । इस प्रकार के अभिवहन प्रपत्र के आधार पर कम दूरी के जनपदों में एक से अधिक बार खनिज का परिवहन करने का प्रयास किया जाता है, जिसे नियंत्रित किये जाने हेतु दिये गये निर्देशों में कहा गया है कि-’हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगे वाहनों से परिवहन होगा, गलत/ ैउनकहमक नम्बर प्लेट वाले वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की जाय तथा बार-बार कूटरचित परिवहन प्रपत्र के आधार पर/ओवरलोड परिवहन करने वाले वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की जाय यह भी कहा गया है कि त्थ्प्क् युक्त माइन टैग की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए।

जारी दिशा निर्देशों में यह भी उल्लेख किया गया है कि खनिजों के परिवहन की जाँच के दौरान प्रायः यह देखा गया है कि फिक्स्ड बॉडी, (जैसे डम्पर, हाइवा, ट्रेलर) के वाहनों में वाहन की क्षमता के अनुरूप बॉडी निर्मित रहती है, जिससे ऐसे वाहनों में ओवरलोडिंग की सम्भावना नगण्य है, परन्तु कतिपय वाहनों के वाहन स्वामियों द्वारा अधिक ऊंचाई के बॉडी बनवाकर अनुमन्य क्षमता से अधिक खनिजों की लोडिंग कराया जा रहा है, जिससे ओवरलोडिंग की समस्या बनी रहती है। यद्यपि कि खनिजों के स्रोत से ओवरलोडिंग रोकने हेतु पट्टेधारकों को निर्देशित किया गया है तथा जाँच के दौरान ओवरलोड पाये जाने पर वाहन स्वामी के साथ-साथ सम्बन्धित पट्टेधारको के ऊपर भी शास्ति का प्राविधान उ०प्र० उपखनिज (परिहार) नियमावली – 2021 में किया गया है।
इसके बावजूद कतिपय वाहन स्वामी/ वाहन चालक अनुमन्य क्षमता से अधिक खनिज का परिवहन करने में सफल हो जाते है। खनिजों के ओवरलोडिंग से एक ओर जहाँ राजस्व की क्षति होती है ,वहीं दूसरी ओर सड़के भी क्षतिग्रस्त होती है। खनिजों के स्त्रोत से ओवरलोडिंग को रोकने हेतु यह आवश्यक है कि खनिजों का परिवहन सिर्फ ऐसे वाहनों से अनुमन्य किया जाय, जिनकी बॉडी अनुमन्य क्षमता के अनुरूप कम्पनी द्वारा फिक्स्ड की गयी है।

जारी निर्देशो में स्पष्ट कहा गया है कि वाहनों में अनुमन्य क्षमता के अनुरूप कम्पनी द्वारा निर्मित बॉडी पर ही खनिजों का परिवहन कराये जाने के सम्बन्ध में परिवहन विभाग एवं खनन विभाग के जनपदीय अधिकारियों के समन्वय से कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

एक्सप्रेसवे के इन्ट्री प्वाइंट पर अनुमन्य क्षमता से अधिक खनिज लदे वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने हेतु उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण से भी अनुरोध किया गया है ।

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