UN जनरल असेंबली में यूक्रेन और अमेरिका के राष्ट्रपति के भाषणों में महत्वपूर्ण मुद्दे
यूक्रेन के प्रेसिडेंट वोल्डोमिर जेलेंस्की अब कुछ समय बाद UN जनरल असेंबली में एक भाषण देंगे। वो पिछले साल फरवरी में रूस के साथ शुरू होने वाले युद्ध के बाद पहली बार UN जनरल असेंबली को संबोधित करेंगे। इस समय, वह रूस पर सख्त पाबंदियों की मांग के साथ-साथ विश्व देशों से मदद की भी गुज़ारिश कर सकते हैं।
माना जा रहा है कि UN की 77वीं जनरल असेंबली में उनके भाषण के दौरान, जेलेंस्की रूस पर कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे, साथ ही दुनियाभर के नेताओं से सहायता की भी गुज़ारिश करेंगे। इस दौरान, जेलेंस्की के पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी एक भाषण दिया, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की थी। जनरल असेंबली में अपने भाषण के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि क्लाइमेट चेंज पर सभी विश्व देशों को साथ मिलकर काम करना होगा, और इसके साथ ही वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और खाद्य सुरक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की भी गुज़ारिश की।
बाइडेन ने G-20 के महत्व पर भी बात की, कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मंच है जहां महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाती है। उन्होंने अफ्रीकन यूनियन को भी इसमें शामिल किया है और कहा कि वह जानते हैं कि उनका भविष्य अन्य देशों के साथ जुड़ा है। खास बात यह है कि उन्होंने यूक्रेन के प्रेसिडेंट से पहले G-20 और अफ्रीकन यूनियन का जिक्र किया। बाइडेन ने कहा कि हम जानते हैं कि हमारा भविष्य आपके साथ जुड़ा है। उन्होंने बताया कि भारत और मैक्सिको के प्रधानमंत्रियों के रूप में उपस्थिति नहीं होगी, बल्कि उनके मंत्रियों द्वारा होगी। पिछले साल, इस असेंबली में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के मुद्दे की छाया रही थी, लेकिन इस बार माना जा रहा है कि अफ्रीका और कोविड-19 के परिणामस्वरूप हुए बदलते परिप्रेक्ष्य पर ज्यादा ध्यान केंद्रित होगा।
हाल ही में, नई दिल्ली में हुई G-20 समिट के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल साउथ के मुद्दे पर बातचीत की मांग की थी और उसे सबसे ज्यादा ध्यान में लेने की आग्रह किया था। इस समिट में, अफ्रीकी यूनियन को इस ग्रुप की सदस्यता भी प्रदान की गई थी।