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किस नियम के तहत लोकसभा अध्यक्ष सांसदों पर कार्रवाई कर सकते हैं आइए जाने

संसद में हंगामा करने और सदन की कार्रवाई में बाधा डालने की वजह से सोमवार को लोकसभा से चार सांसदों को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया तथा मंगलवार को राज्य सभा के19 सांसदों को एक सप्ताह के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।

भारतीय संविधान के अनुछेद 105 (2) के अनुसार संसद के अंदर किसी भी घटना के लिए कोई भी कोर्ट उत्तरदायी नहीं होगा अर्थात सदन के अंदर कोर्ट हस्तछेप नहीं करेगा, लेकिन सदन चलाने के लिए एक रूल बुक होती हैं इस रूल बुक के नियम से ही सदन की कार्रवाई होती है।

लोकसभा में रूल 373 के अनुसार यदि लोकसभा अध्यक्ष को ऐसा लगता है कि सदस्य लगातार सदन को बाधित कर रहा है तो वह सदस्य को पूरे दिन या बचे सेशन के लिए बहार कर सकता है, यदि सांसद जानबूझकर लगातार सदन की मर्यादाओं का उल्लंघन करता है तो उसे रूल 374 A के तहत पांच बैठकों या शेष पूरे सत्र के लिए निलंबित किया जा सकता है।

राज्य सभा में रूल  255 के अनुसार सभापति किसी भी सदस्य को उसके अनुचित व्यवहार के लिए तुरंत बहार कर सकते हैं या पूरे दिन के लिए कार्रवाई के लिए निलंबित कर सकते हैं, रूल 256 के तहत यदि सांसद लगातार जानबूझ कर सदन की कार्रवाही को बाधित कर रहा है तो सदन प्रस्ताव पारित कर के उस सदस्य को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर सकता है।

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