यूपी निकाय चुनाव: वोटिंग के आकलन में जुटी बीजेपी, बूथवार आंकड़ों से हार-जीत का गणित

यूपी निकाय चुनाव: उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में पहले चरण का मतदान हो चुका है। इस चुनाव की वोटिंग के बाद बीजेपी ने आकलन भी शुरू कर दिया है। बूथ के आंकड़ों से मेयर और पार्षद प्रत्याशियों की हार- जीत का लेखा-जोखा देखा जा रहा है। कई जिलों में मतदान कम होने के असर को भी डाटा से देखा जा रहा है। वहीं, संगठन के नेताओं का कहना है कि वोटर लिस्ट की खामी का खामियाजा जीत के अंतर के घटने के रूप में भी देखने को मिल सकता है।।
बीजेपी ने चुनाव के बाद अगले दिन से ही अपने बूथ कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने शुरू कर दिया। अधिकतर जगह से एक ही दिक्कत सामने आ रही है। वो दिक्कत वोटर लिस्ट में खामियां हैं। इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग अपने मत का उपयोग नहीं कर पाए हैं। ऐसे में संगठन ने अब सभी बूथ लेवल कार्यकर्ताओं से इसके लिए सबूत जुटाने को कहा है।
इसमें कहा गया है कि वोटर लिस्ट में नाम न होने के अलावा पीठासीन अधिकारी की सूची में भिन्नता के बारे में भी बताने के लिए बोला गया है। इससे बीजेपी वोटर लिस्ट की खामियों को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग और जिला निर्वाचन अधिकारी से अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है।
वहीं बीजेपी के महानगर अध्यक्ष और एमएलसी मुकेश शर्मा ने अपने बयान में कहा है कि पार्टी चुनाव में गंभीरता और मजबूती से लड़ी है, लेकिन वोटर लिस्ट की खामियों को लेकर विस्तृत जांच होनी चाहिए। बोगस नाम किस तरह सूची में शामिल हुए? पीठासीन अधिकारी के पास वोट कराने के लिए मौजूद लिस्ट में नाम लाल स्याही से क्यों कटे हुए थे। अगर इनके वोट हटे या दूसरे मतदान केंद्र पर शिफ्ट हुए? अंतिम समय पर ऐसा क्यों हुआ? लोगों को पता ही नहीं चला कि उनका वोट अब कहां पड़ेगा। इसको लेकर डीएम के अलावा राज्य निर्वाचन आयोग से भी शिकायत करेंगे।