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फ्रांस में बुर्का को लेकर बढ़ा बवाल

फ्रांस में बुर्का को लेकर एक बार फिर से बवाल बढ़ गया है बता दे कि सोमवार को नया एजुकेशन सेशन शुरू हुआ। प्रेसिडेंट एमैनुएल मैक्रों की सरकार तमाम स्कूलों में फुल बुर्का (अबाया) को बैन कर चुकी है। इसके बावजूद 300 मुस्लिम स्टूडेंट्स अबाया पहनकर स्कूल पहुंचीं। इनमें से 67 ने इसे उतारने से इनकार कर दिया। बाकी ने क्लास में एंट्री से पहले इसे हटा दिया। यह जानकारी अरब वर्ल्ड की वेबसाइट ‘मिडिल ईस्ट मॉनिटर’ ने अपनी रिपोर्ट में दी है। फ्रांस के एजुकेशन मिनिस्टर गैब्रियल एटॉल ने पिछले हफ्ते सरकारी स्कूलों में अबाया बैन का ऐलान किया था। कई मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध किया है। इसके बाद प्रेसिडेंट मैक्रों ने साफ कर दिया था कि इस नियम को हर कीमत पर लागू किया जाएगा।

इससे पहले फ्रांस ने 2004 में स्कूलों में हेडस्कार्फ पहनने पर और 2010 में सार्वजनिक रूप से पूरे चेहरे के नकाब पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे फ्रांस में रहने वाली 50 लाख मुस्लिम लोगों में अब तक नाराजगी है। फ्रांस के सरकारी स्कूलों में बड़े क्रॉस, यहूदी किप्पा और इस्लामी हेडस्कार्फ पहनने की अनुमति भी नहीं हैं। फ्रांस के दक्षिणपंथी और धुर दक्षिणपंथी लोगों ने अबाया पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार पर दबाव डाला था, जबकि वामपंथियों का तर्क था कि इससे लोगों की स्वतंत्रता का हनन होगा। हेडस्कार्फ से हटकर अबाया ऐसी चीज थी जिस पर अब तक किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया था।

कई मुस्लिम संगठनों वाली एक राष्ट्रीय संस्था, फ्रेंच काउंसिल ऑफ मुस्लिम फेथ (सीएफसीएम) ने कहा है कि अकेले कपड़े से किसी की धार्मिक पहचान नहीं होती है। धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करना फ्रांस में एक नारा है पूरी देश की राजनीति इसके इर्द-गिर्द घूमती है। जानकारी के लिए आपको बता दे कि पिछले साल सऊदी अरब के एजुकेशन डिपार्टमेंट ने गर्ल्स स्टूडेंट से जुड़ा एक अहम कदम उठाया था। सऊदी एजुकेशन एंड ट्रेनिंग एवेल्युशन कमीशन (ETEC) ने फैसला किया कि लड़कियां एग्जाम हॉल में अबाया नहीं पहन सकेंगी। यह सऊदी अरब की महिलाओं का पारंपरिक लिबास है।

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