12 साल पहले खोये बेटे के रूप में मिलकर हड़पे 1.5 लाख, इस तरह पकडे गए
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सीताराम के अनुसार, लगभग 12 वर्ष पहले उनका बेटा अरविंद 11 वर्ष की आयु में लखनऊ से लापता हो गया था। पीड़ित दंपती के अनुसार, गत अक्तूूबर में प्रार्थी के घर पर कुछ व्यक्ति साधु भेष में आए जिनमें लगभग 24 वर्षीय साधु भेष रखे युवक ने दंपती को अपना माता पिता बताते हुए बारह वर्ष पूर्व लखनऊ से लापता होने की बात कही। बताया कि वह तब से साधुओं के साथ रह रहा था।
युवक के साधु वेश साथियों ने दंपती से पुत्र वापस करने के एवज में भंडारा करने के लिए दो लाख रुपये की मांग की। पुत्र मोह में आकर दंपती रकम देने पर सहमत हो गए। एक नवम्बर को जालसाजों ने दंपती को फोन कर रुपयों के साथ भिटौली चैराहे पर बुलाया। पीड़ित किसी तरह एक लाख रुपये लेकर भिटौली पहुंचा जहां मिले तीनों जालसाजों ने दंपती से रुपये ले लिए और शेष रकम जल्द व्यवस्था करने की बात कही।
पीड़ित ने अपनी जमीन का कुछ हिस्सा बेच कर रुपये की व्यवस्था कर पांच नवम्बर को 50 हजार रुपये जालसाजों के बताए पते पॉलीटेक्निक चौराहे पर दिए और कथित बेटे को अपने घर ले आया। एक सप्ताह घर पर रहने पर दंपती को कुछ शक हुआ। इसी बीच युवक जरूरी काम से फैजाबाद जाने की बात कहकर निकल गया जिससे दंपती का शक यकीन में बदल गया। ठगी का शिकार होने पर पीड़ित ने 21 दिसम्बर को शेष 50 हजार रुपये लेने के लिए उसे घर पर बुलाया। वहां ग्रामीणों ने गहनता से पूछताछ की तो कथित पुत्र का झूठ बेपर्दा हो गया।