प्रतापगढ़ में राजा उदय प्रताप सिंह समेत 13 लोगों को क्यों किया गया नजरबन्द, जाने कारण
प्रतापगढ़ में शेखपुर आशिक गांव में मोहर्रम के ताजिया का जुलूस निकलने से पहले पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के पिता उदय प्रताप सहित 13 लोगों को नजरबन्द कर दिया गया है तथा उनके भदरी महल के पास शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस तथा पीएसी को तैनात कर दिया गया है।
क्या है विवाद
बात वर्ष 2013 की है जब मोहर्रम के दसवें दिन एक बंदर की मौत गोली मारे जाने के कारण हो गई थी जिसके बाद उसी जगह पर हनुमान जी का मंदिर बनवा दिया गया और वहां पूजा अर्चना होने लगी, 2015 में राजा उदय प्रताप ने मोहर्रम के दसवें दिन भंडारे का आयोजन किया, 2016 में फिर से उसी दिन भंडारे का आयोजन किया गया जिससे ताजियादारों ने ताजिया उठाने से मना कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
2017 में उदय प्रताप द्वारा मोहर्रम पर आयोजित किये जाने वाले भंडारे पर रोक लगा दी गई, जिसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट की शरण में गए जहाँ कोर्ट ने इसे मजिस्ट्रेट के विवेक पर छोड़ दिया जिसके बाद से भंडारे के आयोजन पर रोक लग गई।
इन लोगो को किया गया नजरबंद
जिलाधिकारी के आदेश पर विधायक तथा पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के पिता उदय प्रताप सिंह समेत 13 लोगों को नजरबंद कर दिया है। नजरबंद किए गए लोगों में जितेंद्र सिंह, आनंदपाल, रमाशंकर मिश्र, भवानी विश्वकर्मा, रवि सिंह ,हनुमान प्रसाद पांडेय, केसरी नंदन पांडेय जमुना मौर्या, निर्भय सिंह, गया प्रसाद प्रजापति, मोहनलाल, जुगनू विश्वकर्मा हैं। सभी के घरों पर पुलिस का पहरा है।
शनिवार की रात 9:30 बजे तक रहेंगे पुलिस की निगरानी में
नजरबंद किये गए लोगों को शुक्रवार की शाम 5:30 बजे से शनिवार की रात 9:30 बजे तक पुलिस की निगरानी में रहने के आदेश दिए गए हैं।