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भारत को अमेरिका क्यों शामिल करना चाहता है नाटो प्लस में, आखिर क्या है कारण?

अमेरिकी कांग्रेस की चयन समिति ने भारत के लिए विस्तारित नाटो (NATO+) में शामिल करने की शिफारिस की है, नाटो प्लस में अभी ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, साऊथ कोरिया, जापान तथा न्यूजीलैंड हैं यदि भारत इसमें शामिल होता है तो यह छठा देश होगा।

भारत को नाटो प्लस में क्यों शामिल करना चाहता है अमेरिका
US कांग्रेस की सेलेक्ट कमेटी की तरफ से कहा गया कि यदि चीन द्वारा ताईवान पर हमला होता है तो उसे उचित जबाव देना होगा इसके लिए क्वाड संगठन तथा G7 के सदस्य देशों के साथ सहयोग और बेहतर करना होगा, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन चीन के साथ विवाद के कारण साऊथ एशिया में एक मजबूत सहयोगी चाहते हैं।

यदि भारत नाटो प्लस में शामिल होता है तो मिलेगी बेहतर रक्षा तकनीक
अगर भारत नाटो प्लस में शामिल होता है तो अमेरिका भारत को उन्नत रक्षा तकनीक तथा रक्षा उपकरण दे सकता है इसके लिए कांग्रेस की चयन समिति की सिफारिश के बाद भारत को नाटो प्लस का सदस्य बनाने के लिए अमेरिका को रक्षा अधिनियम के तहत कानून बनाना होगा जिसके बाद राष्ट्रपति से मंजूरी लेनी होगी।

क्या है नाटो तथा नाटो प्लस
नाटो अर्थात नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन एक सैन्य गठबंधन है जिसमे 31 देश हैं इस संगठन में किसी भी देश पर हमला होने पर नाटो के सभी देश सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं, नाटो प्लस में वे पांच देश शामिल हैं जिनके नाटो तथा अमेरिका के साथ अच्छे सम्बन्ध हैं इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, साऊथ कोरिया, जापान तथा न्यूजीलैंड शामिल हैं।

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