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ज़ाकिर ने पिंकी का खून क्यों किया ,

हिंदी फिल्म में एक गाना है दोस्त दोस्त न रहा प्यार प्यार न रहा , ज़िंदगी हमें तेरा ऐतवार न रहा। इस बात को आगे ले जाती है आज की कहानी , पिंकी और जाकिर करीब 10 साल से एक दूसरे को जानते थे, सहकर्मी थे और दोस्त भी । पिंकी 42 साल की थी और जाकिर 41  साल का, पिंकी निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर क्लर्क थी और जाकिर एक टेक्नीशियन था। जब ज़ाकिर को पैसे की जरुरत पड़ी तब पिंकी ने दोस्ती का फ़र्ज़ निभाया और ज़ाकिर को 1 या दो लाख नहीं पुरे 11 लाख से मदद की। वह भी बिना देर किये हुए मगर ज़ाकिर की उन पैसो पर नज़र ख़राब हो गई और अब उसने पैसा वापस न करने की ठान ली।

पिंकी , ज़ाकिर से रोज पैसा मांगती थी और ज़ाकिर टाल देता था , अब पिंकी पैसा बापस लेने की ज़िद पर ड़ गई और पैसा मांगने लगी तो ज़ाकिर को ये बात नगवारा गुजरी और फिर शुरू हुआ साजिस का ख़ूनी खेल।

7 सितंबर को जाकिर पिंकी को नॉएडा के सेक्टर १८ में स्थित मॉल ले गया जंहा उसने पिंकी को मानाने की कोशिश भी की। मगर पिंकी मानी नहीं और वंहा से वापस अपने घर चली गई । पिंकी नया घर ढूंढ रही थी इसी बात का फायदा उठा कर ज़ाकिर अगले दिन उसने बोयडा के नॉलेज पार्क में एक बढ़िया संपत्ति की डील की कहानी के बहाने ले आया। पिंकी उसके साथ चली गई। उसे जरा भी अंदाजा नहीं था कि वह किसी जाल में फंस रही है। वहां जाकिर ने उसे एक सुनसान जगह पर ले जाकर पिंकी के सीने पर खंजर घोंप दिया। दोस्त जाकिर अब ‘जल्लाद’ बन चुका था। उसने पिंकी को न सिर्फ मारा बल्कि उसके चेहरे पर तेजाब इस इरादे से डाला ताकि कोई पिंकी को पहचान न सके। हत्या करने के बाद जाकिर ने चाकू और तेजाब की बोतल नोएडा के सेक्टर 148 में फेंक दिया।

जब पिंकी रात तक घर नहीं लौटी तो उसकी परिवार ने अगले दिन पुलिस से संपर्क किया। और वह मदनगीर में पुलिस स्टेशन पहुंच गए। पिंकी के भाई ने बताया की उसने पिंकी को 8 सितंबर को निजामुद्दीन स्टेशन पर उनके ऑफिस में छोड़ दिया था।

पुलिस भी घरवालों की तरह उसके मोबाइल पर डायल कर रही थी। मगर संपर्क नहीं हो पा रहा था वह को लापता हो गई। उसी शाम यूपी पुलिस को एक लड़की का शव मिला और साथ कुछ दस्तावेज मिले यह पिंकी का विकृत शव था पुलिस उन दस्तावेजों के आधार पर पिंकी के घर पहुंची। अब घरवाले समझ चुके थे की पिंकी अब कभी घर नहीं आएगी।

पुलिस को तकनीकी जांच से एक कॉमन लिंक पता चला। एक नंबर जो पिंकी से कनेक्टेड था। उसकी कॉल डीटेल से मिला। वह जाकिर का था, जो लापता हो गया था। उसका फोन बंद आ रहा था। उसने एक हफ्ते के लिए काम से छुट्टी ले रखी थी। पुलिस को अब संदिग्ध तक पहुंचना था। हत्या से पहले कई जगहों स्थानों से मिले सीसीटीवी फुटेज में उसे और पिंकी को एक साथ देखा गया।

पुलिस अब ज़ाकिर के करीब ६० ठिकानो पर छापे मार चुकी थी , उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सुभाष विहार इलाके में और आसपास करीब 60 स्थानों पर छापा मारा, जहां जाकिर रहता था। ज़ाकिर पकड़ा गया और तकनीकी साक्ष्य और फुटेज सामने रखने पर जाकिर ने कथित तौर पर अपराध स्वीकार कर लिया। ज़ाकिर पिंकी के पैसे से पैसा कमा कर वापस करना चाहता था, ज़ाकिर की कोई मज़बूरी नहीं थी वह तो पिंकी को बेबकूफ बना कर उसके पैसे का इस्तमाल करना चाहता था। इसलिए वह पिंकी नै कहानी सुनाया करता था अचानक किसी ने पिंकी को बता दिया की ज़ाकिर ने अभी घर बेचा है और पिंकी अपने पैसे के लिए अड़ गई यही बात ज़ाकिर को नागवारा गुजरी।

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