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भारत विरोधी कनाडा में ही क्यों छिपते है ?

जून 2023 में कनाडा में खालिस्तानी आतंकी और १० लाख के इनामी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.निज्जर को मंदिर की पार्किंग में ,उसके ट्रक में २ लोगो ने गोली मारी थी , तीसरा हमलावर घटनास्थल के पास ही एक गाड़ी लेकर खड़ा हुआ था, वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर इस गाड़ी में सवार होकर फरार हो गए।

भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने निज्जर को भगोड़ा और डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित कर रखा था, इस घटना के तीन महीने बाद भारत के रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के प्रमुख कार्यकर्त्ता पवन कुमार राय को कनाडा की सरकार ने निष्काषित कर दिया जिसके फलस्वरूप भारत ने भी कनाडा के शीर्ष राजनियक को निष्काषित कर दिया और उसको भारत छोड़ने का ५ दिन का समय दिया गया है।

कनाडा ने एक आतंकी मारे जाने पर ऐसा क्यों किया तो इसका कारण है कि कनाडा कि राजनीति में सिख वोट बैंक काफी मायने रखता है,कनाडा में भारतीय मूल के 24 लाख लोग हैं, इनमें से करीब 7 लाख सिर्फ सिख हैं, जो कोलंबिया ,एडमोंटन, ग्रेटर टोरंटो, वैंकूवर, , ब्रिटिश और कैलगरी में है, चुनाव में यह बड़ा वोट बैंक है। ट्रूडो की लिबरल पार्टी के अलावा कंजर्वेटिव पार्टी और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी में भी बड़े-बड़े सिख नेता हैं, न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ही जगमीत सिंह की है।

हरदीप सिंह निज्जर कि हत्या में कनाडा के खालिस्तानी समर्थक भारत कि ख़ुफ़िया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग का हाथ बताते है और जस्टिन ट्रूडो कि सरकार न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के सहयोग से चल रही है इसलिए चाहकर या न चाहकर भी वह खालिस्तान समर्धक के विपरीत नहीं जा सकती इस लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिनट्रूडो खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ एक्शन लेने की जगह भारत को ही आंखें दिखाना शुरू कर दिया। यही वजह है कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिनट्रूडो ने वारदात में भारत सरकार का कनेक्शन होने की आशंका जताते हुए यह आरोप लगाया है। हालांकि, भारत सरकार ने इन आरोपों का सख्त जवाब दिया है, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को कनाडा का नागरिक भी बताया।कनाडा, भारत कई गैंगस्टर और आतंकी कि शरण स्थली बन चूका है। जंहा भारत का विरोध होता है।

भगोड़ा हरदीप सिंह निज्जर पर भारत में 10 लाख लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह करने की कोशिश करने वाली जमात में निज्जर का नाम काफी आगे था, वह पंजाब के जालंधर जिले के भारसिंहपुर गांव का रहने वाला था, कनाडाई मीडिया टोरंटो सन की रिपोर्ट के मुताबिक निज्जर 1997 में फर्जी पासपोर्ट के जरिए शरणार्थी बनकर कनाडा पहुंचा था जब वह सफल नहीं हुआ तो नागरिकता लेने के लिए उसने कनाडाई लड़की से शादी कर ली। वो 90 के दशक से कनाडा में ही रहकर खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था।

निज्जर 2007 में लुधियाना के श्रृंगार सिनेमा में हुए ब्लास्ट में आरोपी था जिसमे 6 बेकसूर मारे गए थे, इसके अलावा उसपर अगस्त 2009 में राष्ट्रीय सिख संगत प्रमुख रूलदा सिंह की गोली मारकर हत्या करने का आरोप था , पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह ने हत्याकांड में शामिल जगतार सिंह तारा को 2012 में 10 लाख रुपये देकर उसकी मदद कि थी।

2022 में पंजाब के जालंधर में हिंदू पुजारी की हत्या की साजिश रचने का भी उसमे आरोप था, उसके खिलाफ इंटरपोल का नोटिस भी जारी किया गया था, वह गुरुपतवंत सिंह पन्नू के आतंकी संगठन जस्टिस फॉर सिख से भी जुड़ा था।

फरवरी 2018 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जब भारत आए थे. इस दौरान उन्होंने अमृतसर में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी मुलाकात की तब कैप्टन ने ट्रूडो को खालिस्तानी आतंकियों की एक लिस्ट सौंपी थी, इस लिस्ट में हरदीप सिंह निज्जर के अलावा गुरजीत सिंह चीमा, मलकीत सिंह, गुरजिंदर सिंह पन्नू, मनदीप सिंह और गुरप्रीत सिंह प्रीत के नाम शामिल थे।

खालिस्तानी आतंकी निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का प्रमुख था, उसने 2014 में पांच लोगों के साथ मिलकर खालिस्तान टाइगर फोर्स की स्थापना की थी। भारत में जब कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा था, उस दौरान विदेश में भारतीय दूतावासों के बाहर खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकियों ने प्रदर्शन किया था।

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