राज्यउत्तर प्रदेश / यूपी

मोबाईल वेटनरी यूनिट के टॉल फ्री नं० 1962 का व्यापक प्रचार प्रसार सुनिश्चित किया जाये -अपर मुख्य सचिव, पशुधन डा० रजनीश दुबे

अपर मुख्य सचिव, पशुधन डा० रजनीश दुबे द्वारा आज पशुपालन निदेशालय स्थित एकीकृत नियंत्रण, कमान केन्द्र एवं मोबाईल वेटनरी यूनिट (एम.वी.यू.) के कार्यों की समीक्षा की गयी। समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि सी.पी.एम.यू के कार्यों के पर्यवेक्षण हेतु उपनिदेशक स्तर के अधिकारी को लगाया जाय एवं मोबाईल वेटनरी यूनिट के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु डा० इति मिश्रा उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी एवं डा० गौरव पशुचिकित्साधिकारी क्रमशः प्रातः 8ः00 से 2ः00 बजे तथा सायंकाल 2ः00 से 8ः00 बजे तक कार्यों की निगरानी करेंगे।

अपर मुख्य सचिव ने यह भी निर्देशित किया कि जनपद में खण्ड विकास परिसर में मोबाईल वेटनरी यूनिट वाहन के साथ नियुक्त पशुचिकित्साधिकारी के रहने की व्यवस्था तथा खण्ड विकास पर तैनात पशुचिकित्साधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी से समन्वय स्थापित कर संबंधित खण्ड परिसर में कराया जाये। बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि प्रत्येक जनपद के पशुचिकित्साधिकारी अपने चिकित्सालय के साथ-साथ ग्राम पंचायत स्तर पर मोबाईल वेटनरी यूनिट के टॉल फ्री नं० 1962 लिखवाकर प्रचार-प्रसार करेंगे। इसके साथ ही वाहनों की सघन निगरानी अपर निदेशक ग्रेड-2, पशुपालन विभाग द्वारा अपने मण्डल में किया जाय तथा मण्डल से प्राप्त रिपोर्ट का पर्यवेक्षण निदेशालय स्तर पर किया जाये।

डा० रजनीश दुबे ने यह भी निर्देश दिये एन.ए.डी.सी.पी. कण्ट्रोल यूनिट के कार्यों का पर्यवेक्षण प्रतिदिन प्रातः 10ः00 से 12ः00 बजे तक डा० एम० आई० खान, संयुक्त निदेशक, ई०पी०डी०, मुख्यालय द्वारा किया जायेगा। इस यूनिट द्वारा टीकाकरण, बाढ़ के साथ-साथ गोचर अभियान और वर्गीकृत वीर्य की सूचना भी जिलों से संकलित की जाये।

अपर मुख्य सचिव पशुधन ने निर्देशित किया की संयुक्त निदेशक, प्रशासन एकीकृत नियंत्रण एवं कमान केन्द्र, सी. पी. एम. यू. एवं एन. ए. डी. सी. पी. यूनिट के प्रभारी के रूप में कार्य करेंगे तथा फीडबैक प्रतिमाह शासन एवं निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र को उपलब्ध करायेंगे।

इस बैठक में विशेष सचिव, पशुधन, देवेन्द्र पाण्डेय, विशेष सचिव, पशुधन, श्री शिव सहाय अवस्थी, निदेशक (प्रशासन एवं विकास) डा० इन्द्रमणी के साथ संयुक्त निदेशक प्रशासन, संयुक्त निदेशक रोग नियंत्रण एवं वित्त नियंत्रक उपस्थित रहे।

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