राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की प्रगति एवं कार्य योजना विषयक कार्यशाला का आयोजन माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, लखनऊ में किया गया। कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार ने कहा कि पाठ्यक्रम, मूल्यांकन, प्रबन्धन, तकनीक एवं व्यावसायिक शिक्षा आदि विषयों में विभाजित कर कार्य कराया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सफल क्रियान्वयन में शिक्षक की अहम भूमिका है। नीति के तहत आने वाली पीढ़ी की नीव बनाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति के तहत बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जा रही है। राज्य परियोजना निदेशक एवं विशेष सचिव, माध्यमिक शिक्षा डॉ० रूपेश कुमार ने माध्यमिक शिक्षा विभाग में विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता एवं स्मार्ट क्लास आदि की उपलब्धता पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में पूर्व चेयरमैन सी०बी०एस०सी० अशोक गांगुली द्वारा नवीन पाठ्यचर्या, फ्रेमवर्क के प्रमुख बिन्दुओं पर प्रकाश डाला गया। पाठ्यक्रम में आमूल-चूल परिवर्तन करते हुए विज्ञान वर्ग कला वर्ग एवं वाणिज्य वर्ग आदि की व्यवस्था में विद्यार्थियों को विषय चयन की स्वतंत्रता पर बल दिया गया। परीक्षा एवं मूल्यांकन प्रक्रिया में सुधार करते हुए विद्यार्थियों में रहने की प्रवृति को समाप्त कर उनके 360 डिग्री विकास के मूल्यांकन पर बल दिया गया। उन्होंने बताया कि कला, खेल आदि विषय अब पाठ्य सहगामी विषय न होकर मूल पाठ्यक्रम के अंग माने जायेगें।
कार्यशाला में डा0 महेन्द्र देव, शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों, मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, उप शिक्षा निदेशक तथा विभिन्न जनपदों के जिला विद्यालय निरीक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।