चीन अब नेपाल में सीधे तौर पर सियासत, शिक्षा और अन्य क्षेत्र में भी दखल देने लगा है

चीन के रक्षामंत्री जनरल वी फेंग 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ रविवार को एक दिवसीय नेपाल दौरे पर पहुंचे। यह दौरा भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के दौरे के तुरंत बाद हुआ है। नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी में जारी अंतर्कलह के बीच यह दौरा काफी अहम है। दरअसल चीन अब पड़ोसी देश नेपाल में सीधे तौर पर सियासत के साथ ही शिक्षा और अन्य क्षेत्र में भी दखल देने लगा है। चीन के रक्षामंत्री जनरल वी फेंग ने नेपाल को सैन्य उपकरों की सप्लाई सुनिश्चित रखने के साथ ज्यादा ज्यादा नेपाली छात्रों को चीन में शिक्षा दिलाने की बात कही। वर्ष 2020 में भारत में नेपाल के करीब 65 हजार युवा व बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। वहीं चीन के नेपाल में राजदूत होऊ पांकी के अनुसार 2019 में 6400 नेपाली छात्र चीन में पढ़ रहे थे, इनमें से तीन हजार को चीन छात्रवृत्ति दे रहा है। चीन का लक्ष्य नेपाल के भावी पढ़े लिखे नागरिकों में चीन के प्रति सॉफ्य कार्नर विकसित करना है जिसका फायदा उसे लंबे समय तक मिलता रहे।
पिछले वर्ष अक्तूबर में चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दो दिवसीय दौरे के बाद यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गृहमंत्री रामबहादुर थापा ने त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया, जिसके बाद वी फेंग ने पत्रकारों से कहा कि वे दोनों देशों के बीच हुए समझौते को लागू को करने और द्विपक्षीय सैन्य सहयोग पर बात करने आए हैं। उन्होंने नेपाल को गैर घातक सैन्य उपकरणों की सप्लाई फिर से शुरू करने की बात भी की। इसे नेपाल की भारत पर निर्भरता घटाकर चीन पर बढ़ाने के लिए उठाए गए एक और कदम की तरह देखा जा रहा है। कोविड 19 की वजह से नेपाल को होने वाली उपकरणों व सामानों की सप्लाई चीन ने बंद कर दी थी।